इस चमत्कारी पट्टी को गोपेन्द्र, आराधना और कीर्तिका की प्रोफेसर्स के साथ मिलकर तैयार किया है. इस पट्टी की मदद से घाव औसतन आधे वक़्त में भर जाता है.
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नई दिल्लीः आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने मिलकर एक ऐसी पट्टी तैयार की है जो बर्न इंजरी के इलाज के लिए रामबाण साबित हो सकती है. इसका इस्तेमाल सेकेंड डिग्री बर्न इंजरी के लिए किया जा सकता है, यानी वो इंजरी जिनके घाव गहरे होते हैं. या जो घाव त्वचा का दूसरी सतह तक पहुंच जाते हैं. इस चमत्कारी पट्टी को गोपेन्द्र, आराधना और कीर्तिका की प्रोफेसर्स के साथ मिलकर तैयार किया है. इस पट्टी की मदद से घाव औसतन आधे वक़्त में भर जाता है. और हैरानी की बात ये बर्न इंजरी का कोई निशान भी नहीं रहता. इस पट्टी का सफल परीक्षण एम्स के साथ मिलकर किया जा चुका है.
कैसे करेगी काम पट्टी
इस पट्टी को जेलाटेनी से बनाया गया है. जेलाटेनी हमारे मसल टिशूज में भी मौजूद होता है. जिसकी वजह से कोलाजन शरीर में अधिक मात्रा में बनेगा. जले हुए घावों के निशान पर इसके इस्तेमाल से नई स्किन बनने लगती है और त्वचा पर मौजूद बर्न इंजरी के निशान गायब होने लगते हैं और कुछ दिनों में यह पूरी तरह से गायब हो जाएंगे.
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कितने पैसों में मिलेगी पट्टी
बता दें अभी तक यह पट्टियां अमेरिका जैसे देशों में मिल रही थी. जहां इस तरह की पट्टी की कीमत औसतन 50 हज़ार रुपये है, जबकि आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने इसे बेहद कम कीमत में तैयार कर लिया है. भारत में आप इन पट्टियों को 500-1000 रूपये के बीच खरीद सकेंगे और अपने शरीर पर जले हुए निशानों को खत्म कर सकेंगे.
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मेडिकल जर्नल में छापे आंकडे बताते हैं कि हर साल देशभर में 60 से 70 लाख लोगों को बर्न इंजरी होती है और वह जलने से हुए दागों से पीछा छुड़ाने में जिंदगी गुजार देते हैं, लेकिन दाग अंत तक पीछा नहीं छोड़ते. ऐसे में ये चमत्कारी और किफायती पट्टी बर्न इंजरी के मरीजों के इलाज के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है और उनके जख्मों से उन्हें छुटकारा दिला सकती है.