नई दिल्ली: दुनिया में कई बेहद खूबसूरत जगहें हैं, जो सबके आकर्षण का केंद्र होती हैं. कोई जगह लवर्स पॉइंट (Lovers Point) के नाम से मशहूर होती है तो कोई अपने सनराइज (Sunrise Point) या सनसेट (Sunset Point) के लिए जानी जाती है. कुछ जगहें सुसाइड पॉइंट (Suicide Point) के नाम से भी मशहूर होती हैं. ये वे जगहें होती हैं, जहां आकर लोग अपनी जान गंवा देते हैं. किसी का एक्सीडेंट हो जाता है तो कोई खुद ही जिंदगी से हार मान लेता है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है, जहां आकर पक्षी सुसाइड (Birds Suicide Point) कर लेते हों?


सबसे रहस्यमयी है भारत की यह घाटी


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दक्षिणी असम (South Assam) के दिमा हासो जिले (Dima Haso) की पहाड़ी घाटी में स्थित जतिंगा (Jatinga Valley) एक ऐसा गांव है, जो अपनी प्राकृतिक अवस्था के चलते साल में करीब 9 महीने तक बाहरी दुनिया से अलग रहता है. लेकिन सितंबर माह की शुरुआत से ही यह गांव खबरों में छा जाता है. दरअसल, यहां आकर पक्षी सुसाइड (Birds Suicide Point) यानी आत्महत्या कर लेते हैं.


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बेहद खौफनाक हैं कृष्णपक्ष की रातें


सितंबर के बाद इस घाटी के आस-पास तय समय के बाद नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) जैसे हालात हो जाते हैं. दरअसल, अक्टूबर से नवंबर तक कृष्णपक्ष की रातों में यहां ‘पक्षी-हराकिरी’ का बेहद अजीबोगरीब वाकया होता है. शाम 7 बजे से लेकर रात के दस-साढ़े दस बजे के बीच अगर आसमान में धुंध छा जाए, हवा की रफ्तार तेज हो जाए और कहीं से कोई रोशनी कर दे तो चिड़ियों की हालत खराब हो जाती है. उनके झुंड कीट-पतंगों की तरह बदहवास होकर रोशनी के स्त्रोत पर गिरने लग जाते हैं.


यहां आत्महत्या (Suicide) करने वालों में स्थानीय और प्रवासी चिड़ियों की 40 प्रजातियां शामिल रहती हैं. कहा जाता है कि इस जगह पर अगर बाहरी अप्रवासी पक्षी आ जाते हैं तो वापस नहीं लौटते हैं. इस वैली (Jatinga Valley) में रात में एंट्री पर प्रतिबंध भी लगा हुआ है.


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बारिश के कारण पक्षी होते हैं परेशान


जतिंगा गांव असम के बोरैल हिल्स (Borail Hills) में स्थित है. इस जगह पर काफी बारिश होती है और बेहद ऊंचाई पर स्थित होने व पहाड़ों से घिरे होने के कारण यहां बादल और बेहद गहरी धुंध का छाना आम बात है. वैज्ञानिकों की मानें तो तेज बारिश के दौरान पक्षी पूरी तरह से गीले हो चुके होते हैं. ऐसे में जब वे उड़ने की कोशिश करते हैं तो प्राकृतिक रूप से उनके उड़ने की क्षमता खत्म हो चुकी होती है.


यहां बांस के बेहद घने और कटीले जंगल भी हैं, जिनकी वजह से गहरी धुंध और अंधेरी रातों के दौरान पक्षी इनसे टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. ज्यादातर दुर्घटनाएं देर शाम होती हैं क्योंकि उस समय पक्षी झुंड में अपने घरों की ओर लौट रहे होते हैं.


जानवरों का दिमाग पढ़ना है मुश्किल


कई वैज्ञानिकों का कहना है कि पशु-पक्षी सुसाइड नहीं करते हैं. वे ज्यादातर झुंड में होते हैं और उसकी वजह से एक साथ ही किसी भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. वहीं, कुछ वैज्ञानिक तर्क देते हैं कि जानवरों के दिमाग को ठीक से समझा नहीं जा सकता है. ऐसे में इस खूबसूरत घाटी में पक्षियों के सुसाइड के रहस्य (Jatinga Bird Mystery) को सुलझा पाना आसान नहीं है.


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खूबसूरत हैं घाटी के नजारे


अगर आप पर्यटक के तौर पर इस घाटी के खूबसूरत नजारे देखना चाहते हैं तो एक बार यहां जरूर जाएं. इस पर्यटन स्थल (Tourist Place) की शांति और खूबसूरत दृश्य आपका दिल जीत लेंगे.
कैसे जाएं - गुवाहाटी (Guwahati) से जतिंगा लगभग 330 किमी दूर है. गुवाहाटी से हाफलोंग के लिए बस और ट्रेन सेवा चलती है.


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