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जब भी लोग अपने घरों को छोड़कर जाते हैं तो उसमें ताला लगाना नहीं भूलते, लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां अपने घरों के दरवाजे पर ताला नहीं लगाते. आप सोच रहे होंगे कि क्या कोई घर में घुसकर चोरी नहीं कर लेगा? चलिए हम बताते हैं कि आखिर इसके पीछे क्या वजह है. राजस्थान के कोटा संभाग के बूंदी जिले में एक ऐसा गांव है, जहां पर लोग बिना डरे रहते हैं.
बूंदी के केशवपुरा गांव के लोगों को भरोसा है कि उनके गांव में चोरी या क्राइम जैसी चीजें नहीं होती. लोग जब भी बाहर जाते हैं तो वह अपने घरों में ताला नहीं लगाते. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में कई सालों से आपराधिक घटना नहीं हुई है.
गांव में लोग भाईचारे के साथ रहते हैं और पशुपालन आदि करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां राम राज्य है और अगर कभी छोटा-मोटा विवाद हो भी जाता है तो कोर्ट, कचहरी के चक्कर लगाने के बजाय आपस में मिल-जुलकर समझौता कर लेते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बूंदी जिला से करीब 20 किमी की दूरी पर केशवपुरा गांव बसा है और यहां करीब एक हजार लोगों की आबादी है. गुर्जर, माली और मेघवाल समाज के लोग इस गांव में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस गांव में चोरी, लूट, डकैती, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं आज तक नहीं हुई.
इसी वजह से इस गांव के लोग अपने घरों में ताला नहीं लगाते और सिर्फ कुंडी ही लगाकर अपने काम पर चले जाते हैं. यहां के रहने वाले लोगों में क्राइम का कोई भी बिना डर नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव के थाने में किसी भी तरह का केस दर्ज नहीं है. जो भी शिक्षक पढ़ाने के लिए यहां आता है, गांव के लोगों की तारीफ करते नहीं थकते.
राजस्थान में केशवपुरा गांव के अलावा दबलाना थाना इलाके के टोपा, गैंडोली थाने के हरजीपुरा, डाबी थाने के श्योपुरिया, रतनपुरिया, देवगढ़, शोरिया व बिरमपुरा, बसोली थाने के सुखविलास और खंडेरिया गांवों के लोगों का भी ऐसा ही दावा है.