Indian Railway: भारत की सबसे कम रफ्तार वाली ट्रेन..स्पीड देखकर गुस्सा जाएंगे आप, कारण भी जान लीजिए
Railway: भारतीय रेल के बारे में तमाम जानकारियां लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं. इसी कड़ी में देश की सबसे धीमी ट्रेन के बारे में सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. खास बात यह है कि ये ट्रेन रोज संचालित होती है और इस पर यात्री भी सफर करते हैं.
आइए आज जानते हैं कि भारत की सबसे धीमी ट्रेन कौन सी है. यह इतनी धीमी गति से चलती है कि इस ट्रेन का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर में भी शामिल है. लेकिन खास बात यह है कि धीमी गति से चलने के बाद भी यह ट्रेन लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है.
इस ट्रेन का नाम 'मेट्टूपालयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन' है. यह ट्रेन जब पहाड़ो में सफर कर रही होती है तो यह 326 मीटर की ऊंचाई से 2203 मीटर तक की ऊंचाई तक का सफर तय करती है. नीलगिरी पर्वतीय रेलवे के तहत आने वाली यह ट्रेन 46 किलोमीटर की दूरी 5 घंटों में तय करती है.
यह ट्रेन कई सालों से ऐसे ही चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ट्रेन पूरी तरह से फर्स्ट और सेकंड क्लास की सुविधाओं से लैस है. यह ट्रेन वेलिंगटन, कुन्नूर, केटी, लवडेल और अरवंकाडु स्टेशनों से होकर गुजरती है. वहीं इस 46 किलोमीटर की यात्रा के दौरान 100 से ज्यादा पुल और कई छोटी-बड़ी सुरंग भी मिलेंगी.
मजेदार बात यह भी है कि मेट्टूपालयम और कुन्नूर के बीच का रास्ता सबसे सुंदर है. यह इतना सुंदर है इसीलिए संयुक्त राष्ट्र के यूनेस्को ने इसे 2005 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दे दिया था. इस ट्रेन में यात्रा करने वाले लोग इन्हीं सुंदर प्राकृतिक स्थलों का आनंद लेने के लिए ही इसमें बैठते हैं.
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक नीलगिरी पर्वतीय रेलवे का निर्माण साल 1891 में शुरू हुआ और इसे पूरे 17 साल में बनाया गया. तभी से अब तक यह ट्रेन मेट्टूपालयम से ऊटी रेलवे स्टेशन के बीच हर रोज चलती है. मेट्टूपालयम स्टेशन से सुबह 7:10 पर यह निकलती है और दिन में करीब 12 बजे तक ऊटी पहुंचती है.
इसके बाद दोपहर 2 बजे से यह ऊटी से निकलती है और शाम को 5:30 बजे मेट्टूपालयम स्टेशन पर वापस आ जाती है. इस ट्रेन में फर्स्ट क्लास के टिकट के लिए आपको 545 रुपए और सेकंड क्लास की टिकट के लिए 270 रुपए देने होते हैं.