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बचपन से की होगी रिक्शा की सवारी, पर क्या आपने कभी सोचा कि ये शब्द कहां से आया?

शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसने अपनी ज़िंदगी में कभी रिक्शा की सवारी नहीं किया होगा. टेक्नोलॉजी तो काफी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन बचपन में रिक्शा से स्कूल जाने या थोड़ी दूर तक जाने का मजा ही कुछ और था.पर क्या आपने कभी सोचा है कि 'रिक्शा' शब्द आया कहां से?

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भारत में रिक्शों का इतिहास बहुत पुराना है. जब सड़कों पर कोई अन्य वाहन नहीं होते थे, तब रिक्शा ही एक मुख्य साधन था. पहले रिक्शा साइकिल से नहीं, बल्कि इंसान द्वारा खींचे जाते थे. ये मनुष्यों द्वारा खींचे जाने वाले रिक्शे थे, जिन्हें "हाथ रिक्शा" कहा जाता था। समय के साथ-साथ परिस्थितियां बदलीं और तकनीकी विकास हुआ, जिससे रिक्शा में बदलाव आया. आजकल हम साइकिल रिक्शा और मोटर रिक्शा भी देखते हैं, जो पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक और तेज़ हैं.

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शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसने अपनी ज़िंदगी में कभी रिक्शा की सवारी नहीं की हो. आजकल टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन बचपन में रिक्शा से स्कूल जाना या थोड़ी दूर तक जाना एक अलग ही मज़ा था. क्या आपने कभी सोचा है कि 'रिक्शा' शब्द आया कहां से? ये शब्द जापानी भाषा से लिया गया है, जिसमें 'रिक्शा' का मतलब होता है "मानव-खींचा वाहन". शुरुआत में जापान में ये शब्द इस्तेमाल हुआ था, फिर धीरे-धीरे भारत और अन्य देशों में भी इसका इस्तेमाल होने लगा.

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मजेदार यह है कि रिक्शा तब से लेकर आज तक अपनी मूल रूप में बना हुआ है. हालांकि वाहनों की टेक्नोलॉजी समय के साथ बदलती जा रही है, लेकिन रिक्शा आज भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और ट्रेंड से बाहर नहीं हुआ है. आपको कहीं सजे-धजे रिक्शे तो कहीं थोड़ा मॉडर्न होते हुए रिक्शे दिखाई देंगे. इनकी डिजाइन और सुविधाओं में समय के साथ बदलाव आया है, लेकिन अपनी पहचान और उपयोगिता बनाए रखते हुए रिक्शा आज भी बहुत से लोगों की पसंदीदा सवारी है.

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मजेदार यह है कि रिक्शा तब से लेकर आज तक अपनी मूल रूप में बना हुआ है. हालांकि वाहनों की टेक्नोलॉजी समय के साथ बदलती जा रही है, लेकिन रिक्शा आज भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और ट्रेंड से बाहर नहीं हुआ है. आपको कहीं सजे-धजे रिक्शे तो कहीं थोड़ा मॉडर्न होते हुए रिक्शे दिखाई देंगे. इनकी डिजाइन और सुविधाओं में समय के साथ बदलाव आया है, लेकिन अपनी पहचान और उपयोगिता बनाए रखते हुए रिक्शा आज भी बहुत से लोगों की पसंदीदा सवारी है.

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'रिक्शा' शब्द हिंदी का नहीं, बल्कि जापानी भाषा से आया है. जापानी में 'रिक' का मतलब होता है "मनुष्य" और 'शा' का मतलब होता है "वहन" या "वाहन". यह शब्द जापान में सबसे पहले इस्तेमाल हुआ था, जहां पर इसे मानव-खींचे जाने वाले वाहनों के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में यह शब्द भारत और अन्य देशों में भी प्रचलित हुआ. हालांकि, आज यह शब्द हिंदी, अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में सामान्य रूप से उपयोग में लाया जाता है.

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जापान में पहली बार 1879 में मनुष्य द्वारा खींचे जाने वाले रिक्शे सामने आए थे. ये रिक्शे बिल्कुल वैसे ही थे, जैसे बीसवीं सदी के शुरू में कोलकाता में भी चलते थे. रिक्शे वाले सवारी को रिक्शे में बैठाकर खुद उसे खींचते थे और कई बार दौड़ते हुए उसे एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते थे। जापान से यह रिक्शा ब्रिटिश उपनिवेशों में पहुंचे, जहां ब्रिटिशर्स को रिक्शे में बैठाकर गरीब लोग एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते थे. इन उपनिवेशों में रिक्शा एक लोकप्रिय और सस्ता परिवहन साधन बन गया.

 

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बाद में साइकिल का आविष्कार होने के बाद साइकिल रिक्शा का आगमन हुआ, लेकिन पुराने ढंग के ये रिक्शे भारत में पिछले सदी के आठवें दशक तक चलते रहे. रिक्शा शब्द को जापानी भाषा से अंग्रेज़ी में लिया गया था. बंगाल में इसे 'रिक्सा' कहा जाता था, जबकि हिंदी में इसे 'रिक्शा' के रूप में प्रचलित किया गया. उम्मीद है कि आपको यह जानकारी दिलचस्प लगी होगी. 

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