100 साल पहले महामारी में बना था `प्लेग मरिअम्मन मंदिर`, अब यहां बना `कोरोना देवी` मंदिर
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच मौतों की संख्या में हो रही वृद्धि के बीच कोयंबटूर में कुछ लोगों ने मिलकर कोरोना देवी के नाम पर एक मंदिर का निर्माण कराया है. यह स्थिति 1900 के दशक के शुरूआती दौर से मिलती-जुलती है, जब प्लेग के चलते लोगों की जानें जा रही थीं.
नई दिल्ली : देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच मौतों की संख्या में हो रही वृद्धि के बीच कोयंबटूर में कुछ लोगों ने मिलकर कोरोना देवी के नाम पर एक मंदिर का निर्माण कराया है. यह स्थिति 1900 के दशक के शुरूआती दौर से मिलती-जुलती है, जब प्लेग के चलते लोगों की जानें जा रही थीं. उस वक्त भी कुछ लोगों ने मिलकर प्लेग मरिअम्मन मंदिर का निर्माण कराया था.
कोयंबटूर जिले में साल दर साल प्लेग के प्रकोप के बाद इस मंदिर का निर्माण हुआ था और इसमें एक मूर्ति की स्थापना भी की गई थी. कोरोना देवी का यह मंदिर कोयंबटूर शहर के बाहरी इलाके में इरुगुर के पास कामचीपुरम में स्थित है. मंदिर की स्थापना कामचीपुरम आदिनम के अधिकारियों ने अपने परिसर में की है.
कामचीपुरम आदिनाम के एक अधिकारी ने को बताया 'कोरोना देवी एक काले पत्थर की मूर्ति है, जो 1.5 फीट लंबी है और हमें पूरा विश्वास है कि देवी लोगों को इस गंभीर बीमारी से बचाएगी.' यह दक्षिण भारत में कोरोना देवी को समर्पित दूसरा मंदिर है। इससे पहले केरल के कोल्लम जिले के कडक्कल में इस प्रकार के एक मंदिर का निर्माण कराया जा चुका है.