ग्रामीण बताते हैं कि सूर्य की पहली किरण इस शिवलिंग के ऊपर पड़ती है, इसलिए यह ज्योतिर्लिंग बताया जाता है और यह शिवलिंग तीन बार अलग-अलग कलर में देखने को मिलेगा.
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अरुण हर्ष, जोधपुरः विविधताओं में एकता का प्रतीक प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी जोधपुर में ऐसी कई धरोहर हैं जो पूरे देश में अपना अनूठा स्थान रखती हैं. इनमें से एक है धुंधाड़ा कस्बे का शिव मंदिर. समुझेश्वर महादेव मंदिर की चमत्कारिक मान्यता है कि हजारों लीटर जल चढ़ाने के बावजूद भी यह जल बाहर नहीं आता है, वहीं शिवलिंग भी दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है.
यहां के श्रद्धालुओं में आज भी विज्ञान पर आस्था भारी है, ग्रामीणों का कहना है कि इस महादेव मंदिर का शिवलिंग 40 फीट तक गहरा है और 40 फीट से नीचे भी हो सकता है. ग्रामीण बताते हैं कि शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रूप परिवर्तित करता है. इतना ही नहीं शिवलिंग पर एक साथ हजार घड़ों से भी पानी चढ़ाया जाए तो भी बाण से बाहर नहीं आता है लेकिन जब भगवान प्रसन्न होते हैं तो एक लोटे से भी पानी चढ़ाया जाए तो बाहर आने लगता है.
यहां लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं. शिवरात्रि के दिन 20 किलो आटे से एक रोट बनाया जाता है और उस रोट में मात्र 750 ग्राम घी और 750 ग्राम गुड़ डाला जाता है फिर भी रोट घी से लदालद और एकदम मीठा बनता है, यहां का यह बहुत बड़ा चमत्कार है.
ग्रामीण बताते हैं कि सूर्य की पहली किरण इस शिवलिंग के ऊपर पड़ती है, इसलिए यह ज्योतिर्लिंग बताया जाता है और यह शिवलिंग तीन बार अलग-अलग कलर में देखने को मिलेगा. यह शिवलिंग सुबह भूरे रंग में होता है, शाम को काले रंग में परिवर्तित हो जाता है और दिन में यह सफेद कलर में दिखाई देता है. मंदिर की महिमा पूरे देश में जानी जाती है, यही कारण है कि यहां क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर, रूद्र प्रताप सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह, जोधपुर नरेश गजसिंह समेत देश की नामी हस्तियां रुद्राभिषेक कर आशीर्वाद लेने अकसर आती रहती हैं.