Premanand Ji Maharaj: जब एक भक्त ने पूछा कि पाप-पुण्य का फल स्वर्ग और नरक में मिलता है, तो धरती पर सजा क्यों मिलता है. इस पर प्रेमानंद जी महाराज बोलते हैं. जब हमें सजा मिलता है, तो कई बार जुर्माना भी तो भरना पड़ता है. हमारे कुछ बचे हुए पाप और पुण्य होते हैं, जिसके कारण जीवन में सुख और दुख चलता रहता है. महाराज जी ने बताया कि अगल हम अपना मन भजन में लगा लेगें तो हमें परम सुख की प्राप्ती होगी. आप भी देखिए ये वीडियो...........................................................................................................................