राजस्थान के रेगिस्तान की मिट्टी से महिलाओं के पहनने के लिए सोलह सिंगार के गहने भी बनते हैं. शायद सुनने में भले ही आपको अटपटा लगता हो लेकिन यह हकीकत है.
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बाड़मेर: अब तक आपने सोने, चांदी और डायमंड के आभूषणों को महिलाओं को पहने देखा होगा. लेकिन राजस्थान के बाड़मेर में सोलह श्रृंगार के आभूषण मिट्टी से बनते हैं. इसे यहां की स्थानीय महिलाएं पहनती है. लेकिन राजस्थान के बाहर इसकी जबरदस्त डिमांड है.
बाड़मेर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर विशाला गांव में जामीन का परिवार मिट्टी के आभूषण पिछले 40 सालों से बना रहा है.
राजस्थान के रेगिस्तान की मिट्टी से महिलाओं के पहनने के लिए सोलह सिंगार के गहने भी बनते हैं. शायद सुनने में भले ही आपको अटपटा लगता हो लेकिन यह हकीकत है.
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मीडिया से बातचीत में आभूषण बनाने वाले जामीन का परिवार बताता है कि यह कला उन्होंने अपने पूर्वजों से सीखी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस कला को राजस्थान के बाहर काफी पसंद किया जाता है. इन आभूषणों को विदेशी पर्यटक भी काफी पसंद करते हैं.
आभूषण को बनाने का तरीका है खास
आभूषण को बनाने का तरीका भी बेहद खास है. इस आभूषण को बनाने में 1 घंटे से लेकर पूरा दिन लग जाता है. वजन में काफी हल्के आभूषण की कीमत 10 से शुरू होकर 500 रुपए तक के बीच रहती है.