जम्मू कश्मीरः LoC ट्रेड रूट में शामिल रहने वाले 10 आतंकियों की हुई पहचान
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जम्मू कश्मीरः LoC ट्रेड रूट में शामिल रहने वाले 10 आतंकियों की हुई पहचान

इन सभी पर आतंकी ट्रेडिंग कंपनी बना कर कश्मीर में टेरर फंडिंग में शामिल होने का भी शक है.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर के ऐसे 10 आतंकियो की पहचान की है जो एलओसी ट्रेड रूट में शामिल है. सुरक्षा एजेंसियों को ऐसा शक है कि ये सभी आतंकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से इस ट्रेड रूट से मिले पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करते हैं. जिन 10 आतंकियों की पहचान की है उनमें कुछ पाकिस्तान में रह रहे हैं. इन सभी पर आतंकी ट्रेडिंग कंपनी बना कर कश्मीर में टेरर फंडिंग में शामिल होने का भी शक है.

जिन 10 नामों का खुलासा हुआ है उनमें मेहराजुद्दीन भट्ट (फिलहाल पाकिस्तान के रावलपिंडी में रह रहा है), नजीर अहमद भट्ट (पाकिस्तान), बसरत अहमद भट्ट (पाकिस्तान), शौकत अहमद, नूर मोहम्मद, खुर्शीद, इम्तियाज अहमद, आमिर, एजाज रहमानी और शब्बीर इलाही का नाम शामिल है.

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श्रीनगर: एलओसी पार से व्यापार पर रोक के खिलाफ व्यापारियों का प्रदर्शन
नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान के साथ होने वाले व्यापार को रोकने के केंद्र सरकार के फैसले से प्रभावित व्यापारियों ने 22 अप्रैल को श्रीनगर में विरोध मार्च किया. उरी-मुजफ्फराबाद मार्ग पर एलओसी पार व्यापार में शामिल ढेर सारे व्यापारियों ने मार्च में हिस्सा लिया और व्यापार रोकने के आदेश को वापस लेने की मांग की. उन्होंने व्यापार के सुचारू संचालन का ठोस तंत्र बनाने की भी मांग की.

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‘क्रॉस-एलओसी ट्रेडर्स असोसिएशन’ के अध्यक्ष हिलाल अहमद ने पत्रकारों को बताया, ‘‘व्यापार के पहले दिन से हमारी मांग रही है कि एक ठोस तंत्र बनाया जाए. हमने बड़ा निवेश कर रखा है और हमें करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. हम गृह मंत्रालय से व्यापार पर रोक के आदेश की समीक्षा की अपील करते हैं.’’अहमद ने कहा कि सरकार को ऐसा कोई भी निर्णय करने से पहले व्यापारियों से चर्चा करनी चाहिए थी.

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारी रोजी-रोटी इस व्यापार पर निर्भर है. हजारों लोग इससे जुड़े हुए हैं. वे अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं और अपने परिवारों के पेट भरते हैं. इस पाबंदी की वजह से वे बेरोजगार हो गए.’’ केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर में एलओसी पार से होने वाले व्यापार पर रोक लगा दी थी. सरकार का कहना है कि पाकिस्तान स्थित तत्व इस व्यापारिक मार्ग का दुरूपयोग कर रहे थे.

(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

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