भारत के साथ बातचीत के जरिए ‘उचित तरीके से’ मतभेद सुलझाए हैं : चीन
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भारत के साथ बातचीत के जरिए ‘उचित तरीके से’ मतभेद सुलझाए हैं : चीन

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसिलिर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच 21वीं चरण की भारत-चीन सीमा वार्ता 23 नवंबर से 24 नवंबर तक चीन के दक्षिणपश्चिम चेंगदू शहर के समीप दुजियांगयान में होगी.

(प्रतीकात्मक फोटो)

बीजिंग: चीन ने इस सप्ताह सीमा पर होने वाली वार्ता के मद्देनजर बुधवार को चीन-भारत संबंधों की आशावादी तस्वीर पेश करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते ‘‘गतिशील’’ लगते हैं क्योंकि उन्होंने बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए अपने मतभेद ‘‘उचित तरीके से सुलझाए’’ हैं. 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसिलिर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच 21वीं चरण की भारत-चीन सीमा वार्ता 23 नवंबर से 24 नवंबर तक चीन के दक्षिणपश्चिम चेंगदू शहर के समीप दुजियांगयान में होगी.

'चीन-भारत संबंधों में वृद्धि की गति बरकरार' 
वार्ता की घोषणा करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा,‘दोनों नेताओं के कूटनीतिक नेतृत्व के तहत चीन-भारत संबंधों में वृद्धि की गति बरकरार है.’ उन्होंने कहा,‘सभी क्षेत्रों में गहन सहयोग के साथ दोनों पक्षों ने सभी सीमा संबंधित मामलों में करीबी संचार और समन्वय बरकरार रखा है.’

यह पूछे जाने पर कि चीन 20वें चरण की वार्ता के दौरान प्रगति को कैसे देखता है उन्होंने कहा,‘हमने बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए मतभेदों को उचित तरीके से दूर किया है. सभी सीमावर्ती इलाकों में स्थिरता बरकरार है.’ डोभाल और वांग दोनों को सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि बनाया गया है. वांग के लिए यह पहली चरण की वार्ता होगी. उन्हें इस साल मंत्रिमंडल फेरबदल में स्टेट काउंसिलिर बनाया गया था. दोनों देश विशेष प्रतिनिधि वार्ता को अत्यधिक महत्व देते हैं क्योंकि इसमें सीमा विवाद को हल करने के अलावा द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयाम आते हैं.

भारत चीन के बीच एलएसी को लेकर विवाद है
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर विवाद है. चीन अरुणाचल प्रदेश को अपने दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है. अधिकारियों ने बताया कि इस चरण की वार्ता व्यापार और सीमा पर शांति बरकरार रखने पर हुई वार्ता में प्रगति की समीक्षा पर केंद्रित है. भारत में अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिहाज यह अहम है. सीमा वार्ता पर चीन के रुख पर और बात करते हुए गेंग ने कहा कि दोनों देश इस मुद्दे को बड़ी महत्ता देते हैं.

उन्होंने कहा,‘दोनों विशेष प्रतिनिधि सीमा संबंधित मुद्दों पर गहनता से विचार साझा करेंगे. वे द्विपक्षीय संबंधों और दोनों देशों के लोगों के फायदे को ध्यान में रखकर दोनों नेताओं के बीच बनी आम राय पर आगे बढ़ेंगे.’ उन्होंने कहा,‘साथ ही हमने सीमावर्ती इलाकों पर मतभेदों और शांति को उचित रूप से बरकरार रखा. दोनों पक्ष आपसी हित के द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा करेंगे.’

पिछले चरण की वार्ता डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिन तक चले गतिरोध की पृष्ठभूमि में हुई थी. यह वार्ता नई दिल्ली में डोभाल और यांग के बीच हुई थी. सीमा वार्ता के मद्देनजर भारत और चीन के शीर्ष रक्षा अधिकारियों ने डोकलाम गतिरोध के कारण एक साल बाद 13 नवंबर को यहां नौवीं भारत-चीन वार्षिक रक्षा और सुरक्षा वार्ता की थी.

(इनपुट - भाषा)

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