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बीजिंग: लद्दाख (Ladakh) से सैनिकों की वापसी के बीच चीन (China) भारत पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन (Advanced Drone) की तैनाती कर सकता है. चीनी विशेषज्ञों को लगता है कि सीमा, खासकर भारत से सटे बॉर्डर पर GJ -1 और GJ -2 सशस्त्र टोही ड्रोन जैसे बड़े, फिक्स्ड-विंग ड्रोन तैनात किए जाने चाहिए. इस संबंध में विधायक होउ यून (Hou Yun) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे वह जल्द संसद में पेश करेंगे. बता दें कि यून चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के कमांडर भी हैं.
होउ यून PLA की तिब्बत सैन्य कमान से जुड़े हुए हैं और मानते हैं कि चीन को अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए अधिक उन्नत ड्रोन तैनात करने चाहिए. वह 5 मार्च को चीनी संसद की वार्षिक सभा में इस संबंध में तैयार प्रस्ताव को पेश करने वाले हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट WION ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के हवाले से बताया है कि PLA ने भारत के साथ पिछले साल शुरू हुए सीमा गतिरोध के दौरान भी ड्रोन की तैनाती की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक चीन ने केवल छोटे या मध्यम आकार के ड्रोन इस्तेमाल किए थे, लेकिन अब वह बड़े और ज्यादा प्रभावी ड्रोन तैनात कर सकता है. मौजूदा ड्रोन को बारिश और कोहरे की स्थिति में टोही मिशन में कई तरह की चुनौतियों का सामना पड़ता है, इसलिए होउ यून चाहते हैं कि बॉर्डर पर ज्यादा आधुनिक ड्रोन तैनात किए जाने चाहिए. माना जा रहा है कि सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार कर जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर सकती है.
पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों की वापसी के बाद चीनी मीडिया में इन ड्रोन को लेकर चर्चा चल रही है. हाल ही में Shenzhen के एक ड्रोन निर्माता ने सोशल मीडिया पर अपने उन दो कर्मचारियों की तारीफ की थी, जिन्होंने भारत से सीमा विवाद के दौरान बॉर्डर पर चीनी सेना का साथ दिया था. चीनी ड्रोन कंपनी का दावा है कि उसकी तकनीक का उपयोग सीमा पर नजर रखने के लिए किया गया था और इसके दो कर्मचारी, झाओ बो और शी जिलोंग PLA की सहायता के लिए मौजूद थे.
चीनी सेना पिछले कुछ समय से ड्रोन तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल कर रही है. पिछले साल सितंबर में चीनी मीडिया ने एक वीडियो जारी करते हुए दावा किया था कि ड्रोन की मदद से भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों को खाना पहुंचाया जा रहा है. गौरतलब है कि लंबे गतिरोध के बाद भारत और चीन में सैनिकों की वापसी को लेकर समझौता हुआ है. लद्दाख के कई इलाकों से अब तक सैनिकों की वापसी हो चुकी है.