अमेरिका की नई सरकार का भारत के सपोर्ट में आया बयान, Antony Blinken ने चीन को दिया झटका
अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद भी चीन को राहत मिलने वाली नहीं है. अमेरिका के संभावित विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने स्पष्ट किया है कि चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे और बीजिंग को साधने में भारत की भूमिका अहम रहेगी.
वॉशिंगटन: अमेरिका की नई सरकार ने साफ कर दिया है कि चीन (China) को लेकर उसकी रणनीति पहले से ज्यादा आक्रामक होगी और बीजिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए वह भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी. निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) द्वारा अपनी टीम में शामिल किए गए एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) ने मंगलवार को चीन को स्पष्ट चेतावनी दी.
अहम साझेदारी निभाए
ब्लिंकेन ने कहा कि भारत (India) और अमेरिका (America) विस्तारवादी चीन (China) के रूप में एक समान चुनौती का सामना कर रहे हैं. लिहाजा, इस मुद्दे पर नई दिल्ली को अमेरिका का एक अहम साझेदार होना चाहिए. ब्लिंकेन का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और चीन सीमा विवाद में उलझे हुए हैं. बता दें कि जो बाइडन (Joe Biden) ने ब्लिंकेन को विदेश मंत्री बनाया है और सीनेट की विदेश संबंध समिति की मंजूरी के बाद ब्लिंकेन माइक पोम्पिओ का स्थान लेंगे.
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किसी को धमकाने नहीं देंगे
भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा (Richard Verma) के एक सवाल के जवाब में ब्लिंकेन ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन हमारे लोकतंत्र को नवीनकृत करने के लिए और भारत जैसे करीबी साझेदारों के साथ काम करेंगे. उन्होंने आगे कहा, ‘ओबामा-बाइडेन प्रशासन के दौरान हमने भारत को हिंद प्रशांत रणनीति (Indo-Pacific strategy) में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला सदस्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी. हिंद प्रशांत में नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने और मजबूत करने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम करने में भारत की भूमिका अहम है. हम चीन सहित किसी भी देश को अपने पड़ोसियों को धमकाने नहीं दे सकते’.
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भारत की क्षमता बढ़ाएंगे
एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि बाइडेन के प्रशासन में हम चाहेंगे कि भारत अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भूमिका अदा करे, इससे उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्यता हासिल करने में मदद मिलेगी. ब्लिंकेन ने कहा कि हम भारत की रक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे और एक आतंकवाद निरोधक साझेदार के रूप में उसकी क्षमताओं को बढ़ाएंगे.
जो नहीं, अब होगा
उन्होंने कहा कि बाइडेन भारत के साथ मधुर संबंधों के पक्षधर हैं और उनके पास एक व्यापाक रणनीति है. बाइडेन के 2006 में दिए इस बयान का हवाला देते हुए कि 2020 तक अमेरिका और भारत सबसे करीबी दोस्त होने चाहिए, ब्लिंकेन ने कहा कि ऐसा अब तक नहीं हुआ है, लेकिन अब होगा. बाइडेन प्रशासन में भारत और अमेरिका के रिश्ते एक नई ऊंचाई पर होंगे.