वॉशिंगटन: भारत विरोध में चीन (China) का हाल देखकर पाकिस्तान (Pakistan) भी घबरा गया है. इसलिए अब उसने अमेरिका (America) से गुहार लगाई है कि वह भारत के साथ उसके संबंधों को सामान्य करवाने में भूमिका निभाए. अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान (Asad Majeed Khan) ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि भारत उसके साथ शांति बहाली के लिए बातचीत करे, लेकिन इसके लिए अमेरिका को मदद करनी होगी. 


India की भी जिम्मेदारी


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एक थिंक टैंक (Think Tank) के प्रोग्राम में बोलते हुए असद ने कहा कि हम शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए प्रतिबद्ध हैं, पर ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत (India) को भी उठानी होगी. बता दें कि पिछले कुछ वक्त में ही पाकिस्तान की तरफ से बार-बार भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) खुले तौर पर बातचीत की अपील कर चुके हैं. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकतीं. 


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Biden को दी सलाह


Dawn की रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन के स्टिमसन सेंटर में भाषण देते हुए मजीद ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि अमेरिका हम दोनों पड़ोसियों यानी भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बहाली के लिए बातचीत शुरू कराए. भारत सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि वो बातचीत के लिए वातावरण तैयार करे’. मजीद के इस बयान पर अब तक भारत सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. मजीद ने अपने भाषण में अफगानिस्तान का भी जिक्र किया. उन्होंने बाइडेन प्रशासन को सलाह देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए यह जरूरी है कि यूएस को तालिबान से भी बातचीत करनी चाहिए. हम अपनी तरफ से वहां शांति के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं.


Majeed ने जहर भी उगला


मजीद ने बातचीत की अपील के साथ ही भारत के खिलाफ जहर भी उगला. उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 में भारत में पुलवामा हमला (Pulwama  Attack) हुआ. नई दिल्ली ने इसका इलजाम पाकिस्तान पर लगाया. उसने कहा कि हमारे यहां आतंकी ट्रेनिंग कैम्प हैं, जबकि सच्चाई ये है कि भारत में सियासी फायदे के लिए पाकिस्तान को टारगेट किया जाता है. हमारे प्रधानमंत्री इमरान खान शांति के लिए बातचीत की कई बार पेशकश कर चुके हैं, लेकिन भारत कोई जवाब नहीं देता. राजदूत ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि भारत के साथ कारोबारी रिश्ते भी शुरू किए जाएं. इसके लिए जरूरी है कि भारत को कश्मीर में (Kashmir) एकतरफा उठाए गए कदमों को वापस लेना होगा.