China का क्रूर चेहरा फिर उजागर, WhatsApp इस्तेमाल करने पर मुस्लिम महिलाओं को किया जा रहा कैद
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China का क्रूर चेहरा फिर उजागर, WhatsApp इस्तेमाल करने पर मुस्लिम महिलाओं को किया जा रहा कैद

चीन का क्रूर चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. एक नई किताब में खुलासा किया गया है कि चीन मुस्लिम महिलाओं को व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने पर हिरासत में ले रहा है. किताब में कई महिलाओं की आपबीती बयां की गई है, जिन्हें चीनी सरकार की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा.  

फाइल फोटो

बीजिंग: चीन में मुस्लिमों (Muslims in China) पर अत्याचार को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. एक किताब में बताया गया है कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) को व्हाट्सऐप (WhatsApp) इस्तेमाल करने पर हिरासत में ले रही है. सरकार द्वारा इन मुस्लिम महिलाओं को प्री-क्रिमिनल्स कहा जाता है. बता दें कि इससे पहले भी कई बार चीन की मुस्लिम विरोधी सोच उजागर हो चुकी है. वो वीगर मुसलमानों के साथ गुलामों से भी बदतर सलूक करता है.

  1. नई किताब में किया गया खुलासा
  2. प्री-क्रिमिनल्स करार दे रही चीन सरकार
  3. पहले भी चीन पर लगते रहे हैं आरोप 

Female Student पर हुई थी कार्रवाई 

एक नई किताब 'In The Camps: China's High-Tech Penal Colony' में चीन की इस हरकत का खुलासा हुआ है. इस किताब में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की एक छात्रा वेरा झोऊ के केस का उदाहरण दिया गया है. वेरा को हाल ही में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) इस्तेमाल कर अपने स्कूल के जीमेल अकाउंट को खोलने के लिए हिरासत में ले लिया गया था. छात्रा ने अकाउंट को चीन के झिनजियांग में अपना होमवर्क सब्मिट करने के लिए खोला था. 

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New Year भी कैद में गुजरा था

बिजनेस इनसाइडर में प्रकाशित खबर के अनुसार, वेरा झोऊ ने बताया कि उन्हें हिरासत में लेने के बाद उनसे कहा गया कि उन्हें री-एजुकेशन क्लास में भेजा जा रहा है. वेरा झोऊ के मुताबिक वो काफी दिनों तक कैद में रहीं. 2018 में नया साल भी उन्होंने कैद में ही बिताया था. वेरा झोऊ कैंप में करीब 6 महीने तक रही थीं. उन्हें इस शर्त पर छोड़ा गया कि उन्हें सोशल स्टैबिलिटी वर्कर को रिपोर्ट करना होगा.

Book में 11 महिलाओं का जिक्र

कैंप से छूटने के बाद भी वेरा झोऊ ऐसा महसूस करती थीं कि वो डिजीटली रूप से कैद हैं. वेरा को मुस्लिम प्री-क्रिमिनल तक कहा गया. 'In The Camps: China's High-Tech Penal Colony' नामक यह किताब हाल ही में रिलीज कई गई है. इस किताब में वेरा झोऊ के अलावा 11 अन्य मुस्लिम महिलाओं का जिक्र है, जिन्हें पुलिस ने प्री-क्रिमिनल कहते हुए व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने के लिए हिरासत में लिया था. गौरतलब है कि चीन में बनाए गए डिटेन्शन सेंटर में 1 मिलियन वीगर और अन्य अल्पसंख्यकों को रखा गया है. 

 

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