चीन ने ईरान के यूरेनियम सीमा उल्लंघन पर 'खेद' जताया
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चीन ने ईरान के यूरेनियम सीमा उल्लंघन पर 'खेद' जताया

ईरान ने कहा कि उसने 2015 के परमाणु समझौते के तहत तय सीमा से परे जाकर संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन शुरू किया है. इस परमाणु समझौते को ज्वाइंट कंप्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) के नाम से जानते हैं.

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. फाइल तस्वीर

बीजिंग: चीन ने मंगलवार को कहा कि उसे ईरान के संवर्धित यूरेनियम एकत्र करने की सीमा के उल्लंघन के फैसले पर 'खेद' है. चीन ने पश्चिम एशिया में संकट को बिगाड़ने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया. ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बीते साल अमेरिका के परमाणु समझौते से अलग होने के बाद से बढ़ गया है और अमेरिका ने ईरान के खिलाफ दंडात्मक प्रतिबंध शुरू किए. अमेरिका ने यह प्रतिबंध यह कहते हुए लगाए कि ईरान यूरेनियम के संचय को कम करने लिए पर्याप्त कार्य नहीं कर रहा है.

ईरान ने कहा कि उसने 2015 के परमाणु समझौते के तहत तय सीमा से परे जाकर संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन शुरू किया है. इस परमाणु समझौते को ज्वाइंट कंप्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) के नाम से जानते हैं.

इस घटनाक्रम की पुष्टि संयुक्त राष्ट्र की परमाणु प्रसार वाचडॉग अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने की.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'चीन को ईरान द्वारा अपनाए जा रहे उपायों पर खेद है, लेकिन इसके साथ ही हमने पूर्व के कई मौकों पर जोर दिया है कि अमेरिका का अधिकतम दबाव मौजूदा तनाव की मूल वजह है.'

गेंग ने कहा, 'हम सभी पक्षों से इसे दीर्घकालिक और समग्र रूप से देखने, संयम बरतने और जेसीपीओए को कायम रखने का आह्वान करते हैं, जिससे तनावपूर्ण स्थिति में तनाव और न बढ़े.'

चीन, ईरान से कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है. वह परमाणु समझौते में एक पक्ष है और उसने समझौते को जारी रखने का संकल्प लिया है. ईरान ने अन्य पक्षों से अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ सहायता नहीं मिलने पर परमाणु समझौते से बाहर निकल जाने की धमकी दी है.

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