Pakistan News: पाकिस्तान गले तक कर्ज में डूबा है. उसके मददगार चीन ने उसे कर्ज की एक खेप और देने से इनकार कर दिया है. ऐसे में दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी नजर आ रही है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान का एक ताजा बयान सुनकर 'ड्रैगन' भौचक्का रह गया है.
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Pakistan China Tension: इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. दरअसल जिस चीन के भरोसे अबतक पाकिस्तान का वजूद जिंदा है. उन्हीं चीनियों को सिक्योरिटी देने से पाकिस्तान ने साफ इनकार करते हुए पल्ला झाड़ लिया है. अब बड़ा सवाल ये है कि क्या अपने हर मौसम के साथी और आका चीन (China) को आंख दिखाना पाक (PAK) को भारी पड़ने वाला है.
पाकिस्तान ने आका को दिखाई आंख!
पाकिस्तान के पंजाब में सरकार ने देश में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच प्रांत में रहने वाले चीनी नागरिकों से कहा है कि वह उन सभी को सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी और इसके लिए उन्हें निजी सुरक्षा कंपनियों की सेवा लेनी चाहिए.
पेशावर शहर के पुलिस लाइंस क्षेत्र में एक मस्जिद में हुए घातक आतंकी हमले के कुछ दिन बाद गुरुवार को पंजाब के होम सेक्रेट्री ने ये निर्देश जारी किया है. मस्जिद में हुए विस्फोट में 101 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे.
'प्राइवेट सिक्योरिटी ले चीनी लोग'
निर्देश में कहा गया है, ‘पंजाब गृह विभाग ने प्रांत में रहने वाले या निजी कंपनियों के साथ काम करने वाले चीनी नागरिकों को उनकी सुरक्षा के लिए ए श्रेणी की निजी सुरक्षा कंपनियों की सेवा लेने का निर्देश दिया है’.
हालांकि, पंजाब सरकार ने साफ कर दिया है कि वो प्रांत में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) और सरकार से संबंधित अन्य परियोजनाओं में काम कर रहे चीनी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना जारी रखेगी.
चीन डाल रहा दबाव
हाल के दिनों में पाकिस्तान में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें सरकारी और निजी दोनों परियोजनाओं के लिए देश में रह रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया है. चीन देश के अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले अपने नागरिकों को पुख्ता सुरक्षा प्रदान करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालता रहा है.
गौरतलब है कि जुलाई 2021 में ऐसी ही एक घटना में, खैबर पख्तूनख्वा के कोहिस्तान जिले में दसू जलविद्युत परियोजना कार्यस्थल पर चीनी कर्मियों को ले जा रही एक बस पर हुए आत्मघाती हमले में दस चीनी नागरिक मारे गए थे और 26 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनमें ज्यादातर इंजीनियर थे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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