New Parliament Building: भारत की नई संसद का मुरीद हुआ चीन! जमकर की तारीफ, विपक्ष को लग जाएगी मिर्ची
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New Parliament Building: भारत की नई संसद का मुरीद हुआ चीन! जमकर की तारीफ, विपक्ष को लग जाएगी मिर्ची

New Parliament Of India: चीन (China) ने नए संसद भवन (New Parliament House) को लेकर भारत की खूब तारीफ की है. चीन ने उपनिवेशवाद की निशानियों को हटाने के कड़ी में इसे अहम कदम बताया है.

New Parliament Building: भारत की नई संसद का मुरीद हुआ चीन! जमकर की तारीफ, विपक्ष को लग जाएगी मिर्ची

China Praises New Indian Parliament: भारत (India) में हाल ही में नए संसद भवन (New Parliament House) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उद्घाटन किया. इसका कांग्रेस, आप, टीएमसी, आरजेडी और जेडीयू समेत विपक्ष की करीब 20 पार्टियों ने बहिष्कार किया. हालांकि, कुछ पार्टियां बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ दिखीं. विपक्षी दल मांग कर रहे थे कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए था. विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने का भी विरोध किया था. इस बीच, चीन (China) ने भी भारत के नए संसद भवन का रिएक्शन दिया है. चीन ने भारत के नए संसद भवन की तारीफ की है. ये चीनी के सरकार अखबार ग्लोबल टाइम्स में इसके बारे में विस्तार से लिखा गया है.

चीन ने जमकर की तारीफ

ग्लोबल टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के नए संसद भवन के बारे में चीन ने कहा कि हम नीतियुक्त और भावमय रूप से भारत के डिकॉलोनाइज का सपोर्ट करते हैं. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की नई संसद का उद्घाटन रविवार को किया. ब्रिटिश कॉलोनियल पीरियड के दौरान करीब एक सदी पहले बने पुराने संसद भवन को म्यूजियम में बदला जाएगा. नए संसद भवन को मोदी सरकार की सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की मुख्य परियोजना माना जाता है. सेंट्रल विस्टा का मेन मकसद नई दिल्ली को कॉलोनियल काल की निशानी से मुक्त करना है. अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए संसद भवन सिर्फ एक बिल्डिंग नहीं है. ये आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का गवाह बनेगी.

ब्रिटिश उपनिवेशवाद पर क्या कहा?

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट अनुसार, ड्रैगन ने कहा कि नई पार्लियामेंट की बिल्डिंग की कीमत करीब 120 मिलियन डॉलर है. इसमें कमल का फूल, मोर और बरगद के पेड़ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक भी हैं, जो भारत की ट्रेडिशनल हिस्ट्री और कल्चर को दिखाते हैं. ये भारतीय सरकार के डिकॉलोनाइजेशन उपायों की सीरीज का एक अहम हिस्सा है. भारत करीब 200 साल तक ब्रिटेन का उपनिवेश रहा था. भारत में कॉलोनियल प्रभाव के निशान गहन और व्यापक दोनों हैं.

भारत के इन कदमों की तारीफ की

ग्लोबल टाइम्स में ये भी लिखा गया कि इससे पहले 1968 में भारत की सरकार ने नई दिल्ली में इंडिया गेट के सामने लगी किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा को हटा दिया था. इसके बाद 8 सितंबर, 2022 को भारत सरकार ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के दिन इंडिया गेट के सामने स्थित राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया था.

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