भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की घर वापसी को लेकर पाकिस्तान का डर अब सामने आया है. पाकिस्तान को डर था कि यदि अभिनंदन को आजाद नहीं किया गया, तो भारत हमला बोल देगा. पाकिस्तानी सांसद अयाज सादिक ने यह खुलासा किया है.
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इस्लामाबाद: भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान (Abhinandan Varthaman) को पाकिस्तान ने केवल इसलिए आजाद नहीं किया था कि वो भारत से रिश्ते बिगाड़ना नहीं चाहता था, बल्कि उसे डर था कि भारत उस पर हमला कर देगा. अभिनंदन की घर वापसी के लंबे समय बाद पाकिस्तानी सांसद अयाज सादिक (ayaz sadiq) ने इमरान सरकार के खौफ का खुलासा किया है.
इसलिए छोड़ देना चाहिए
अयाज ने दावा किया है कि अभिनंदन की रिहाई को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) खौफ में थे. कुरैशी ने यहां तक कहा था कि भारत पाकिस्तान पर हमला करने वाला है और इसलिए अभिनंदन को छोड़ना जरूरी है.
ध्यान से सुने।
पाकिस्तान असेंबली में बड़ा बयान।।
बहादुर अभिनन्दन को पाकिस्तान यू ही नही छोड़ा ! pic.twitter.com/9d5gagxnui— Ravindra Singh (@ravindrak2000) October 28, 2020
इमरान नहीं आये थे बैठक में
अयाज ने संसद में अपने भाषण में सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि कुलभूषण के लिए हम अध्यादेश लेकर नहीं आए थे. कुलभूषण को हमने इतनी एक्सेस नहीं दी थी, जितनी इस हूकुमत ने दी. उन्होंने आगे कहा, ‘अभिनंदन की क्या बात करते हैं, शाह महमूद कुरैशी और आर्मी चीफ उस मीटिंग में थे. कुरैशी ने कहा था कि अभिनंदन को वापस जाने दें, खुदा का वास्ता है अभिनंदन को जाने दें, भारत रात 9 बजे अटैक करने जा रहा है. उस बैठक में इमरान खान ने आने से इनकार कर दिया था’.
कांप रहे थे पैर
अयाज ने कहा कि हिंदुस्तान कोई हमला नहीं करने वाला था. सरकार को केवल घुटने टेककर अभिनंदन को वापस भेजना था और उसने वही किया. उस बैठक में कुरैशी के पैर कांप रहे थे, वे सभी को यह कहकर डरा रहे थे कि यदि अभिनंदन को नहीं छोड़ा तो भारत रात नौ बजे हमला कर देगा. जबकि हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला था.
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क्या है मामला
गौरतलब है कि कि पिछले साल अभिनंदन का विमान क्रैश हो गया और वह पाक अधिकृत कश्मीर में फंस गए थे. जहां से उन्हें पाक सैनिकों ने पकड़ लिया था. पाकिस्तान ने अभिनंदन को मानसिक रूप से तोड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया. आखिरकार पाकिस्तान को अभिनंदन को 1 मार्च को अटारी-वाघा सीमा से भारत भेजना पड़ा.