PoK में एयर स्ट्राइक के लिए ग्वालियर, आगरा और बठिंडा से उड़े थे ये अलग-अलग फाइटर प्लेन
हमले से पहले वायुसेना ने अपने ड्रोन हेरोन सर्विलांस का इस्तेमाल किया.
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नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंपों पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले को 'मिराज 2000' ने अंजाम दिया. ये हमला वायुसेना के फाइटर, जेट और मिड रिफ्यूलर द्वारा किया गया. इस पूरे हमले के बारे में वायुसेना के अधिकारियों ने एनएसए अजीत डोवाल और पीएम मोदी को पहले ही जानकारी दे दी थी. वायुसेना ने अपने एक एक कदम के बारे में प्रजेंटेशन के माध्यम से एनएसए और पीएम को बताया था. मंगलवार सुबह इस ऑपरेशन की शुरुआत के लिए वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी. वायुसेना के अर्ली वॉर्निंग जेट विमानों ने पंजाब के बठिंडा एयरबेस से उड़ान भरी.
वहीं हवा के बीच में ईंधन भरने वाले रिफ्यूलिंग टैंकर ने यूपी के आगरा एयरबेस से उड़ान भरी.
इसके साथ ही ऊंचाईं से नजर रखने के लिए वायुसेना ने अपने ड्रोन हेरोन सर्विलांस का इस्तेमाल किया.
पाक अधिकृत कश्मीर में मुजफ्फराबाद के पास मिराज काफी नीचे तक गया. हेरोस सर्विलांस द्वारा एयर स्ट्राइक करने से पहले ही इस बारे में पूरी प्रजेंटेशन भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने एनएसए अजीत डोवाल और पीएम मोदी को दिखा दी गई थी.
मिलिए दुश्मन के 'विनाशक मिराज' से
इस हमले को अंजाम देने के लिए एयरफ़ोर्स ने 'मिराज-2000' का इस्तेमाल किया. मिराज-2000 मल्टीरोल, सिंगल इंजन फाइटर प्लेन है. मिराज 2000 एक साथ कई निशाने पर हमला कर सकता है. मिराज हवा से जमीन और हवा से हवा में भी मार करने में माहिर है. इसमें पारंपरिक और लेजर गाइडेड बम को भी गिराने में सक्षम है. मिराज 2000 में हथियारों के लिए नौ हार्ड प्वाइंट हैं. प्लेन के नीचे पांच और दोनों तरफ के पंखों पर दो हथियार है.
मिराज 2000 की अधिकतम रफ्तार 2,000 किमी/घंटा है. मिराज-2000 ने 1970 में पहली बार उड़ान भरी थी. मिराज 2000 विमानों का निर्माण फ्रांस में किया जाता है. रफाल बनाने वाली कंपनी ही मिराज का निर्माण करती है. दुनिया में भारत समेत 9 देश मिराज 2000 का इस्तेमाल करते हैं. इस समय भारत के पास 51 मिराज 2000 विमानों का बेड़ा है.