पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Pakistan Supreme Court) ने पत्रकार डेनियल पत्र के हत्यारे को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सजा पाए अहमद ओमर शेख के खिलाफ कोई मजबूत सबूत नहीं मिला है. और सरकार को आदेश दिया है कि अहमद शेख को तुरंत रिहा किया जाए.
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कराची/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Pakistan Supreme Court) ने पत्रकार डेनियल पत्र के हत्यारे को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सजा पाए अहमद ओमर शेख के खिलाफ कोई मजबूत सबूत नहीं मिला है. और सरकार को आदेश दिया है कि अहमद शेख को तुरंत रिहा किया जाए. इस मामले में सिंध सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया.
डेनियल पर्ल वाल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार थे और दक्षिण एशिया के ब्यूरो चीफ की भूमिका निभा रहे थे. साल 2002 में वो कराची में थे और एक खबर के सिलसिले में तहकीकात कर रहे थे. वो इस्लामी आतंकवाद से जुड़े किसी मामले की जांच कर ही रहे थे कि उनका अपहरण कर लिया गया और उनकी हत्या (Daniel Pearl murder case) कर दी गई. हालांकि पूरे 18 साल बाद शेख ने पिछले साल ये स्वीकारा था कि डेनियल मामले से वो जुड़ा तो है, लेकिन उसकी भूमिका बहुत कम थी. उसने साल 2019 में हाथ से लिखे खत में ये बात कही थी. हालांकि सिंध हाई कोर्ट ने उसे दोषी माना था और सजा सुनाई थी. लेकिन पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सिंध हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है और सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो तुरंत अहमद ओमर शेख को रिहा करे.
शेख को निचली अदालत ने शुरुआत में ही बरी कर दिया था. लेकिन पर्ल के परिवार के वकील और पाकिस्तान सरकार ने सिंध हाई कोर्ट में अपील की थी और शेख (Ahmed Omar Sheikh) को दोषी पाया गया था. लेकिन अब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई का रास्ता साफ करते हुए उसे तुरंत जेल से रिहा करने के आदेश दिए हैं.
डेनियल पर्ल का जिस समय अपहरण किया गया था, उस समय वो इस्लामी आतंकवादियों पर एक खबर कर रहे थे और उसी सिलसिले में जांच पड़ताल कर रहे थे. लेकिन अपहरण के करीब एक महीने बाद एक वीडियो में बताया गया कि पर्ल की हत्या कर दी गई है. (इनपुट-एएफपी)