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नई दिल्ली: हम आपको चीन की भविष्य की खतरनाक योजनाओं के बारे में बताएंगे. आप भी अपने जीवन में भविष्य की प्लानिंग करते होंगे. बच्चों की कब शादियां करनी हैं, कब गाड़ी खरीदनी है और कब घर खरीदना है. ये सब आप पहले ही तय कर लेते होंगे. चीन ने भी अपने भविष्य को लेकर इस तरह की योजनाएं बना रखी हैं. हमारे हाथ चीन की विस्तारवादी योजना का एक कैलेंडर लगा है, जिसके मुताबिक चीन अरुणाचल प्रदेश पर वर्ष 2040 तक कब्जा करना चाहता है. ये जानकारी चीन के मुखपत्र Sohu (सोहु) में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में सामने आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक चीन साल 2025 तक ताइवान पर कब्जा कर लेगा. चीन दावा करता है कि ताइवान पर उसका अधिकार है, लेकिन ताइवान इसका विरोध करता है. अब चीन ने योजना बनाई है कि आज से चार साल बाद ताइवान उसके कब्जे में होगा. 2025 में ही वो दक्षिण चीन सागर (South China Sea) को हड़पने की योजना पर काम शुरू कर देगा.
इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन का लक्ष्य 2030 तक पूरे दक्षिण चीन सागर पर कब्जा करने का है. इसमें लिखा है कि वो इसके लिए वियतनाम और फिलीपींस (Philippines) जैसे देशों के खिलाफ युद्ध छोड़ सकता है, जो दक्षिण चीन सागर (South China Sea) के काफी हिस्से पर अपना दावा करते हैं.
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इसके बाद चीन का अगला निशाना भारत का अरुणाचल प्रदेश होगा, जिसे चीन दक्षिणी तिब्बत कहता है. इस रिपोर्ट में लिखा है कि पहले 2035 से 2040 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात पैदा किए जाएंगे. जब युद्ध शुरू होगा तो चीन उसी दौरान अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा कर लेगा.
चीन की योजना 2040 तक अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत (Tibbat) में मिलाने में की है. 2045 तक चीन जापान के सेनकाकू द्वीप समूह (Senkaku Islands) पर कब्जा कर लेगा. इसके बाद 2050 तक मंगोलिया (Mongolia) और फिर 2060 तक वो दक्षिणी रूस के उन इलाकों पर भी कब्जा कर लेगा, जो 19वीं शताब्दी में चीन ने युद्ध में हार के बाद रूस को सौंप दिए थे.
चीन की विस्तारवादी योजना (China's Expansionist Plan) का ये कैलेंडर पूरी दुनिया के लिए खतरनाक है और किसी टाइम बम के जैसा है. इससे सबसे बड़ा खतरा एशिया के छोटे देशों को है, जिन्हें चीन हड़प कर अपने देश में मिलाना चाहता है.