ये आंकड़े पाकिस्तान की पुलिस, कानून और न्याय आयोग, मानवाधिकार आयोग, महिला फाउंडेश और प्रांतीय कल्याण एजेंसियों के हैं. जियो न्यूज के अनुसार, कानून और व्यवस्था में सामाजिक दबाव और कानून में कई खामियों के कारण रेप के केवल 41 प्रतिशत मामले ही पुलिस में रिपोर्ट किए जाते हैं.
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इस्लामाबाद: हाल ही में जारी हुए अधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान (Pakistan) में हर दिन रेप की कम से कम 11 घटनाएं होती हैं. पिछले 6 सालों में पुलिस में रेप (Rape) के 22 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन इसमें से केवल 77 मामलों में ही आरोपी को दोषी करार दिया गया. यानि कि रेप करने के बाद महज 0.3 फीसदी दोषियों को ही इसकी सजा मिली.
ये आंकड़े पाकिस्तान की पुलिस, कानून और न्याय आयोग, मानवाधिकार आयोग, महिला फाउंडेश और प्रांतीय कल्याण एजेंसियों के हैं. जियो न्यूज के अनुसार, कानून और व्यवस्था में सामाजिक दबाव और कानून में कई खामियों के कारण रेप के केवल 41 प्रतिशत मामले ही पुलिस में रिपोर्ट किए जाते हैं.
कानून में हैं कई खामियां
2015 के बाद से महिलाओं के साथ र्दुव्यवहार के कुल 22,037 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 4,060 मामले अदालतों में लंबित हैं, केवल 77 अपराधियों को दोषी ठहराया गया है और केवल 18 प्रतिशत मामले ही प्रोसिक्यूशन स्टेज तक पहुंच पाए हैं.
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इतना ही नहीं रेप के कुल मामलों में से 12 प्रतिशत मामले ही अदालतों में दायर हुए और उनमें से 5 फीसदी यानि कि 1,274 मामलों में नतीजे आए और 1,192 अपराधी कानून की खामियों का फायदा उठाकर बरी भी हो गए.
पाक अधिकृत कश्मीर में भी हुए रेप
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पंजाब (Punjab) में रेप के सबसे ज्यादा 18,609 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद सिंध (Sindh) में 1,873, खैबरपख्तूनवा में 1,183, बलूचिस्तान में 129, इस्लामाबाद में 210 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 31 मामले दर्ज किए गए.
जबकि पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि रेप के केवल आधे मामले ही दर्ज किए जाते हैं, लिहाजा पिछले 5 सालों में रेप के मामलों की वास्तविक संख्या 60 हजार तक हो सकती है.
सरकार स्थापति करेगी विशेष अदालतें
ये आंकड़े सामने आने के बाद पाकिस्तान सरकार ने रेप के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने अगले सप्ताह एक अध्यादेश लाने की घोषणा की है.
प्रधानमंत्री के संसदीय मामलों के सलाहकार बाबर अवान ने डॉन न्यूज से कहा कि इस प्रस्तावित कानून के तहत बलात्कार के मामलों की जांच साधारण पुलिस अधिकारी नहीं करेंगे बल्कि उपमहानिरीक्षक या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर के राजपत्रित अधिकारी ऐसे मामलों की निगरानी करेंगे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने ट्वीट कर घोषणा की थी कि सरकार ने 'सारी खामियों को दूर करते हुए बलात्कार विरोधी एक सख्त एवं समग्र अध्यादेश' लाने की योजना बनायी है.
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