बेटे की जान बचाने के लिए, वैज्ञानिक बना 10वीं पास पिता; लोग बोले- 'फादर ऑफ इयर'
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बेटे की जान बचाने के लिए, वैज्ञानिक बना 10वीं पास पिता; लोग बोले- 'फादर ऑफ इयर'

High school pass father turns scientist: मेनकेस सिंड्रोम, एक रेयर बीमारी है जो एक लाख में किसी एक बच्चे को प्रभावित कर सकती है. लड़कियों की तुलना में यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती हैं. चीन से आई पिता और पुत्र की कहानी खूब पसंद की जा रही है.

फोटो क्रेडिट: (सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: मजबूरी इंसान से कुछ भी करवा लेती है, यानी जरूरत पड़े तो इंसान कुछ भी कर सकता है. इस कहावत को साकार किया है 10वीं पास एक पिता ने जिसे एक दुर्लभ बीमारी का इलाज ढूंढ़ने की कोशिशों के लिए फादर ऑफ द इयर (Father of the year) कहा जा रहा है.

  1. पिता के हौंसले की प्रेरणादायक कहानी
  2. असंभव को संभव बनाने की एक कोशिश
  3. 'जान बचाने के लिए दवा भी और दुआ भी'

दांव पर लगा दी जिंदगी

हैरान करने वाला ये मामला चीन (China) में सामने आया है जहां एक बाप ने अपने दो साल के मासूम बच्चे की बीमारी का इलाज ढूंढ़ने के लिए दिन-रात एक कर दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि उनके बेटे के पास ज्यादा से ज्यादा कुछ महीनों का वक्त बचा है. इस जवाब से मायूस होने के बजाए इस पिता की कोशिशें जारी हैं. दरअसल दो साल का होयांग (Haoyang), मेनकेस सिंड्रोम नाम की अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित है. इस सिंड्रोम की वजह से बच्चे के ब्रेन और नर्वस सिस्टम का विकास नहीं होता है.

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चीन में नहीं इस मर्ज की दवा

डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित बच्चे तीन साल  उम्र पूरा होने के पहले मर जाते हैं. इस मामले में दुर्भाग्य की बात ये भी रही कि Menkes Syndrome के इलाज में काम आने वाली दवा चीन में मौजूद नहीं थी. इस मर्ज की दवाई शहर तो छोड़िए पूरी देश के किसी मेडिकल स्टोर या फार्मा कंपनी के पास नहीं थी. वहीं दुर्भाग्य से कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर की सीमाएं सील थीं. इसके बाद इस मजबूत पिता शू वेई (Xu Wei) ने खुद इस मर्ज की दवा को बनाने का फैसला किया.   

आसान नहीं थी चुनौती

इस पिता की राह आसान नहीं थी. दुर्लभ बीमारियों का इलाज महंगा होता है. आपने भारत में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप टू' (Spinal Muscular Atrophy Type 2) सिंड्रोम के बारे में सुना होगा, जिसके इलाज में 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगता है. दुर्लभ बीमारियों के मामलों में अक्सर परेशान परिजन अपने बच्चों का इलाज तक नहीं करा पाते.

असंभव को संभव बनाने की कोशिश

ऐसे में इस सिर्फ 10वीं पास छोटे ऑनलाइन व्यवसाई ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए परेशान होकर लाचारी दिखाने के बजाए असंभव को संभव करने के लिए खुद इस बीमारी की दवा बनाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने पहले तो दवा के बारे में जानकारी जुटाई. तभी उन्हें पता चला कि कॉपर हिस्टिडीन नाम का एक एलिमेंट उस दवा को बनाने में कारगर होगा. 

घर में बनाई केमिकल लैब

तब उन्हें पता चला कि कॉपर हिस्टिडीन नामक एक एलिमेंट उस दवा को बनाने में कारगर होगा. शू वेई ने फौरन अपने घर में केमिकल लैब बनाने का फैसला किया. न्यूज़ एजेंसी एएफपी को दिए इंटरव्यू में इस पिता ने कहा, 'उस समय मेरे पास हकीकत में यह सोचने का वक्त नहीं था कि इसे करना है या नहीं. क्योंकि मुझे हर हाल में ऐसा करना है था.'

खतरे में डाली जान

चीन के दक्षिण पश्चिमी शहर क्यूमिंग में दुर्लभ बीमारी की दवा बनने की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैली. इस बीच दवा बनाने का प्रॉसेस को शुरू करने से पहले रिश्तेदारों और दोस्तों ने साथ छोड़ दिया. हर कोई ये नसीहत दे रहा था कि इस दवा को बनाना असंभव है. इसके बावजूद उन्होंने रिसर्च का काम पूरा करते हुए कॉपर क्लोराइड डाइहाइड्रेट, हिस्टिडीन, सोडियम हाइड्रॉक्साइड जैसे एलिमेंट्स के साथ कॉपर हिस्टिडीन बनाने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया. इस दवा का बच्चे पर आजमाने के पहले उन्होंने खरगोश पर उसका इस्तेमाल किया. कामयाबी मिलने के बाद उन्होंने कुछ मात्रा में इस दवा को खुद के शरीर पर आजमाने की कोशिश की.

बच्चे की सेहत में सुधार जारी

इस होम मेड दवा से इलाज शुरू करने के कुछ हफ्तों बाद उनके बेटे की सेहत में सुधार दिखने लगा. पिता ने बताया कि कुछ दिनों के इलाज में बच्चे की ब्लड रिपोर्ट नॉर्मल हो गई. वो अब भी अपने बच्चे को कॉपर की इस दवा की एक डोज रोज देते हैं ताकि उनका बच्चा इस दुर्लभ बीमारी से पूरी तरह ठीक हो सके.

कितनी दुर्लभ बीमारी है?

मेनकेस सिंड्रोम, एक रेयर बीमारी है जो एक लाख में किसी एक बच्चे को प्रभावित कर सकती है. लड़कियों की तुलना में यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती हैं. मेनकेस सिंड्रोम से जुड़ी और चीन से आई पिता और पुत्र की ये प्रेरक कहानी पूरी दुनिया में जमकर पसंद की जा रही है. इसके बाद हर कोई इस पिता के हौंसले की तारीफ करने के साथ उनके दो साल के बच्चे की लंबी उम्र की प्रार्थना कर रहा है.

 

पिता और पुत्र की प्रेरक कहानी, फादर ऑफ द ईयर, हाई स्कूल पास पिता वैज्ञानिक बने

 

 

 
  

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