पाकिस्तान की गिड़गिड़ाहट से पसीजा IMF का दिल, मिलेगी 6 अरब डॉलर की खैरात
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पाकिस्तान की गिड़गिड़ाहट से पसीजा IMF का दिल, मिलेगी 6 अरब डॉलर की खैरात

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन न्यूज’ ने वित्त, राजस्व एवं आर्थिक मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार डॉ अब्दुल हफीज शेख के हवाले से अपनी एक खबर में कहा कि स्टाफ स्तर पर हुए इस समझौते को अभी वाशिंगटन में आईएमएफ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की औपचारिक मंजूरी मिलनी बाकी है.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2018-19 से लक्ष्य से लगभग आधी यानी 3.3 प्रतिशत रही जो 6.2 प्रतिशत के लक्ष्य के आधे से कुछ ही ऊपर है.

इस्लामाबाद: भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए राहत की खबर आई है. प्रधानमंत्री इमरान खान की बार-बार की गई अपील को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने स्वीकार कर लिया है. पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच रविवार को एक समझौता हुआ, जिसके तहत आईएमएफ खस्ताहाल अर्थव्यवस्था वाले इस देश को तीन वर्षों में छह अरब डॉलर का ‘बेलआउट पैकेज’ देगा.

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन न्यूज’ ने वित्त, राजस्व एवं आर्थिक मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार डॉ अब्दुल हफीज शेख के हवाले से अपनी एक खबर में कहा कि स्टाफ स्तर पर हुए इस समझौते को अभी वाशिंगटन में आईएमएफ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की औपचारिक मंजूरी मिलनी बाकी है. 

यहां आपको बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2018-19 से लक्ष्य से लगभग आधी यानी 3.3 प्रतिशत रही जो 6.2 प्रतिशत के लक्ष्य के आधे से कुछ ही ऊपर है. प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार के कार्यकाल के पहले साल में सभी प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा. मीडिया की खबरों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है. 

आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़े ऐसे समय आए हैं जबकि पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ सरकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से राहत पैकेज के लिए बातचीत कर रही है जिससे देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाला जा सके. 

'डॉन की खबर के अनुसार योजना, विकास और सुधार सचिव जफर हसन की अगुवाई में राष्ट्रीय लेखा समिति की समीक्षा बैठक में 2018-19 के आंकड़े जारी किए. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को कृषि क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत, उद्योग में 7.6 प्रतिशत और सेवा में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद थी जिस वजह से यह 6.2 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया गया था. 

रिपोर्ट में बताया गया है कि लक्ष्य की तुलना में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर मात्र 0.85 प्रतिशत रही. उद्योग और सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 1.4 प्रतिशत और 4.7 प्रतिशत रही.

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