Imran Khan News: यह पहली बार नहीं जब इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तालिबान का समर्थन किया है. इससे पहले 2022 में उन्होंने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘अफगानिस्तान में तालिबान का कोई अन्य विकल्प नहीं है.'
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Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा है कि तालिबान मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करेगा, जिसमें महिलाओं के शिक्षा का अधिकार भी शामिल है, जब तक कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है.
इमरान खान ने कहा कि तालिबान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा बनाया जाना चाहिए और फिर मानवाधिकारों और लड़कियों की शिक्षा से संबंधित मामलों पर चर्चा की जानी चाहिए. खामा प्रेस के ब्रिटेन के चैनल 4 दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष ने यह बात कही.
‘वे किसी की क्यों सुनेंगे?’
पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने कहा, ‘यदि आप उन्हें [तालिबान] अलग-थलग कर देते हैं, तो आप उन पर क्या प्रभाव डालने जा रहे हैं? अगर आप मुख्यधारा में लाते हैं और उन्हें अपना राज्य बनाने देते हैं, तो मानवाधिकारों की बात करें. अभी, आप उन्हें अलगाव पर धकेल रहे हैं; उनका पैसा रुका हुआ है, तो वे किसी की क्यों सुनेंगे?’
पीटीआई अध्यक्ष ने कहा, ‘मेरी सलाह है कि उन्हें शामिल करें, उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हिस्सेदारी दें ताकि जब आप उन्हें लड़कियों को शिक्षित करने के लिए कहें, तो वे आपकी बात सुनें; अभी, वे नहीं सुन रहे हैं.’
इमरान खान की यह टिप्पणी अफगानिस्तान में मानवाधिकारों को लेकर आई है. अफगान महिलाएं तालिबान से लड़कियों के लिए माध्यमिक स्कूलों को फिर से खोलने की बात कर रही हैं.
पहले भी कर चुके हैं तालिबान का समर्थन
यह पहली बार नहीं जब इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तालिबान को मान्यता देने की मांग की है. इससे पहले 2022 में, इमरान खान (जो उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे) ने कहा था, ‘अफगानिस्तान में तालिबान का कोई अन्य विकल्प नहीं है इसलिए अभी दुनिया के पास एकमात्र विकल्प तालिबान के साथ आगे बढ़ने के लिए बातचीत करना है.‘
सीएनएन के लिए फरीद जकारिया के साथ एक विशेष इंटरव्यू में, इमरान खान ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों के बारे में बात करते हुए कहा था कि तालिबान को दुनिया को मान्यता देनी होगी क्योंकि यह लगभग 40 मिलियन अफगानों की भलाई और भविष्य की बात है.
इमरान खान ने कहा, ‘देश में चल रहे हालात की वजह से अफगानिस्तान में 40 मिलियन लोग गंभीर संकट में हैं.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोग समझें तालिबान को नापसंद करना एक बात है, जबकि अफगानिस्तान के लोगों के बारे में सोचना दूसरी बात जैसा कि वे ‘बेहद मुश्किलों’ का सामना कर रहे हैं.
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