इमरान खान को देखना भी नहीं चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप, इस शख्स की सिफारिश से पहुंचे व्हाइट हाउस
Advertisement

इमरान खान को देखना भी नहीं चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप, इस शख्स की सिफारिश से पहुंचे व्हाइट हाउस

पाकिस्तानी अखबार ने खुलासा किया है कि सिफारिश लगवाकर इमरान खान (Imran khan) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) से मिलने पहुंचे हैं. अखबार ने दावा किया है कि व्हाइट हाउस इमरान खान (Imran khan) को तनिक भी पसंद नहीं करता है.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान तीन दिनों के लिए अमेरिका गए हैं. तस्वीर साभार ट्विटर पेज- @FLOTUS

इस्लामाबाद: अमेरिका दौरे पर गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) के साथ जिस तरह का बर्ताव हो रहा है उसकी दुनियाभर में चर्चा हो रही है. इमरान खान (Imran khan) जब अमेरिकी एयरपोर्ट पर उतरे तो उन्हें कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं मिली. अमेरिकी सरकार की ओर से कोई भी उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचा. अब पाकिस्तानी अखबार ने खुलासा किया है कि सिफारिश लगवाकर इमरान खान (Imran khan) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) से मिलने पहुंचे हैं. अखबार ने दावा किया है कि व्हाइट हाउस इमरान खान (Imran khan) को तनिक भी पसंद नहीं करता है, लेकिन सऊदी अरब के प्रिंस की सिफारिश के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) से मिलने का वक्त मिला है.

पाकिस्तानी अखबार ने खोली इमरान की पोल
यह सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान की कोशिशों का नतीजा है कि इमरान की अमेरिका यात्रा हो सकी. पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि पर्दे के पीछे महीनों चली कवायद के बाद इमरान की अमेरिका यात्रा मुमकिन हो सकी, जिसे अमेरिका-पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्तों और पाकिस्तान में निवेश के लिए काफी अहम माना जा रहा है.

सऊदी के प्रिंस ने ट्रंप के दामाद से की थी सिफारिश
अखबार ने घटनाक्रम की सीधे जानकारी रखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया कि सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) के दामाद जारेड कुशनर से अपने निजी संबंधों का इस्तेमाल कर इमरान के लिए अमेरिका के दावतनामे का प्रबंध करवाया. कुशनर, ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार हैं.

इमरान की यात्रा की कोशिशें बीते साल दिसंबर में तब शुरू हुईं जब ट्रंप ने इमरान को पत्र लिखकर उनसे अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में मदद देने को कहा.

पाकिस्तान को पसंद नहीं करते हैं ट्रंप
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' से कहा कि इमरान चाहते थे कि उनकी ट्रंप से आमने-सामने की मुलाकात हो, जिससे वह क्षेत्र में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अमेरिका में पाए जाने वाले 'संशय' को दूर कर सकें.

लेकिन, दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और विश्वास की कमी के कारण अमेरिकी प्रशासन को इस मुलाकात के लिए राजी कर पाना टेढ़ी खीर साबित हुआ. ऐसे में एक ही रास्ता समझ में आया और वह यह कि अमेरिका प्रशासन को बाइपास कर सीधे ट्रंप से संपर्क साधा जाए.

अधिकारी ने कहा, 'यही वह मुकाम था जब गैर परंपरागत तरीके के इस्तेमाल पर विचार किया गया.'

ट्रंप के दामाद के अच्छे दोस्त हैं सऊदी के प्रिंस
इसके बाद पाकिस्तान ने कुशनर से निजी संबंध रखने वाले प्रिंस सलमान की मदद लेने के लिए उनसे संपर्क का फैसला किया. सत्ता में आने के बाद इमरान और सलमान के बीच कई मुलाकातें हुईं थीं जिसकी वजह से दोनों में अच्छा रिश्ता बना और यह काम आया. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद प्रिंस सलमान ने कुशनर के जरिए राष्ट्रपति ट्रंप को इमरान खान (Imran khan) से मुलाकात के लिए सहमत किया.

अखबार ने बताया कि इमरान की अमेरिका यात्रा को संभव बनाने में जिस एक अन्य शख्स की बड़ी भूमिका रही है, वह है रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम जिन्हें अमेरिका का करीबी माना जाता है और जो अफगानिस्तान मामले में इमरान के 'विजन' के प्रशंसक हैं.

स्वागत के लिए US को पैसे देने को तैयार था अमेरिका
इमरान खान (Imran khan) इस बार वाणिज्यिक कतर एयरवेज से वाशिंगटन पहुंचे हैं. यहां वे आम नागरिक की तरह एयरपोर्ट से बाहर आए. साथ ही किसी होटल में ठहरने के बजाय पाकिस्तान के राजदूत के आवास पर ठहरे हैं. पाकिस्तान सरकार दावा कर रही है कि उनके देश की आर्थिक हालत खराब है इसलिए इमरान खान (Imran khan) फिजूलखर्ची से बच रहे हैं. जबकि पर्दे के पीछे कुछ और ही कहानी है. पाकिस्तान की सरकार अमेरिकी विदेश मंत्रालय को एक करोड़ 72 लाख रुपए देकर इमरान खान (Imran khan) का आदर-सत्कार करवाना चाहती थी, लेकिन अमेरिका ने इससे साफ इनकार कर दिया.

Trending news