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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) भारतीय दूतावासों के कामकाज से इतना प्रभावित हैं कि उन्होंने अपने लोगों को भारत से सीखने की नसीहत दे डाली है. अपने दूतावास कर्मचारियों को लेकर मिल रही शिकायतों पर नाराजगी व्यक्त करते इमरान ने हुए कहा कि राजदूतों को औपनिवेशिक दौर की मानसिकता को छोड़कर पाकिस्तानी मूल के लोगों के साथ पूरी संवेदना के साथ व्यवहार करना चाहिए और विदेशी निवेश लाने के प्रयास करने चाहिए. उन्होंने भारतीय दूतावासों की तारीफ करते हुए दुनियाभर में भारतीय दूतावास विदेशी निवेश लाने के लिए बहुत सक्रिय हैं.
पाकिस्तानी दूतावासों (Pakistani Embassies) को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि दूसरे देशों में रहने वाले पाकिस्तानियों के साथ न तो दुर्व्यवहार की घटनाएं कम हो रही हैं और नही हमारे राजदूत विदेशी निवेश लाने में सफल हुए हैं. प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘हम इस तरह से जारी नहीं रख सकते. जिस तरह से दूतावास के कर्मचारी काम कर रहे हैं, उन्हें देखकर लगता है कि वे औपनिवेशिक काल में हैं, आज के पाकिस्तान में नहीं’.
इमरान खान इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि दूतावासों का सबसे महत्वपूर्ण काम विदेशों में बसे अपने नागरिकों की सेवा करना है. इसके बाद उन्हें अपने देश में विदेशी निवेश लाने के लिए काम करना चाहिए, जो इस समय गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है. उन्होंने भारतीय दूतावासों (Indian Embassies) की तारीफ करते हुए कहा कि वे पाकिस्तान की तुलना में विदेश निवेश लाने के लिए ज्यादा सक्रिय हैं.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की इस नाराजगी की कई वजह हैं, लेकिन इसका प्रमुख कारण है सऊदी अरब से आई खबर. रियाद में रहने वाले पाकिस्तानियों ने दूतावास के कर्मियों द्वारा दुर्व्यहार की शिकायत की थी. जिसके बाद इमरान खान ने अपने राजदूत और 6 अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया है. साथ ही मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं. इस घटना से पाकिस्तान को जो शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है, उससे प्रधानमंत्री खासे नाराज हैं और यही नाराजगी शब्दों के साथ बाहर आई है.