पाकिस्‍तान के PM इमरान खान ने 'मैसूर का शेर' कहे जाने वाले टीपू सुल्‍तान को क्‍यों याद किया?
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पाकिस्‍तान के PM इमरान खान ने 'मैसूर का शेर' कहे जाने वाले टीपू सुल्‍तान को क्‍यों याद किया?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और “दासता का जीवन जीने” की जगह स्वतंत्रता के लिए मरना पसंद करने के उनके विचार की प्रशंसा की.

पाकिस्‍तान के PM इमरान खान ने 'मैसूर का शेर' कहे जाने वाले टीपू सुल्‍तान को क्‍यों याद किया?

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और “दासता का जीवन जीने” की जगह स्वतंत्रता के लिए मरना पसंद करने के उनके विचार की प्रशंसा की. इमरान खान ने ट्विटर पर टीपू की तारीफ की जिन्हें ‘मैसूर का शेर’ भी कहा जाता है.

खान ने शनिवार को ट्वीट किया, “आज चार मई टीपू सुल्तान की पुण्यतिथि है- एक व्यक्ति जिसे मैं इसलिए पसंद करता हूं क्योंकि उन्होंने गुलाम का जीवन जीने की जगह स्वतंत्रता पसंद की और इसके लिए लड़ते हुए मारे गए.” यह पहली बार नहीं है जब खान ने टीपू की सराहना की है. इससे पहले फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर बुलाए गए संसद के संयुक्त सत्र में भी खान ने टीपू की बहादुरी की तारीफ की थी.

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सुल्तान चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध में बहादुरी से लड़े थे लेकिन श्रीरंगपटनम की घेराबंदी में मारे गए थे. फ्रांस के सैन्य सलाहकारों ने गुप्त रास्ते से उन्हें बचकर निकलने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने जवाब दिया: ''हजारों साल मेमने की तरह जीने की बजाए एक दिन शेर की तरह जीना बेहतर है.''

टीपू को अपने शासन में कई प्रशासनिक सुधार लागू करने के लिए जाना जाता है जिनसे मैसूर के रेशम उद्योग में वृद्धि की शुरू हुई थी. पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम ने 1991 में एक व्याख्यान में टीपू को रॉकेट का आविष्कारक बताया था.

भाजपा-कांग्रेस में वाक युद्ध
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के एक ट्वीट के बाद भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर और कांग्रेस नेता के सिद्धरमैया के बीच रविवार को वाक युद्ध शुरू हो गया और कांग्रेस नेता ने कहा कि वह ऐसे नहीं हैं जो दुश्मन देश के प्रधानमंत्री के साथ ''बिरयानी खाते'' हैं. खान के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए भाजपा सांसद ने लिखा, ‘‘डियर सिद्धरमैया, यह आपका समय है, जाइये और इमरानजी तथा बाजवाजी को गले लगाइये. यह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का विश्वस्त बनने का सबसे आसान रास्ता है.’’

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सिद्धरमैया की टीपू के प्रति श्रद्धा को देखते हुए भाजपा सांसद ने यह टिप्पणी की है. कांग्रेस नेता तीन साल पहले जब प्रदेश में मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने टीपू जयंती कार्यक्रम मनाने की शुरूआत की थी. चंद्रशेखर के ट्वीट पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए सिद्धरमैया ने ट्वीट किया, ‘‘मिस्टर राजीव, ट्वीट करने से पहले सोचिये. मैं आपके ‘चोर’ नरेंद्र मोदी की तरह नहीं हूं जो दुश्मन देश के प्रधानमंत्री के साथ बिरयानी खाते हैं, और आपकी तरह भी नहीं हूं जिसने अपने आकाओं को खुश करने के लिए सिद्धांतों से समझौता कर लिया.’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपकी तरह अपने आकाओं का गुलाम होकर जीने की अपेक्षा टीपू सुल्तान की तरह जीना बेहतर है.’’ मोदी 2017 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने अचानक लाहौर चले गए थे. कांग्रेस नेता का बयान इसी संदर्भ में था. टीपू जयंती का विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने धरना दिया था.

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