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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan) को अपनी कुर्सी जाने का डर सता रहा है. इमरान ने आशंका जाहिर की है कि सेना (Army) के साथ मिलकर विपक्ष उन्हें सत्ता से बाहर कर सकता है. शुक्रवार को विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए PM खान ने कहा कि खुद को लोकतंत्र समर्थक बताने वाले कुछ नेता फौज की मदद से उनकी सरकार का तख्तापलट करने की कोशिशों में जुटे हैं.
एक हाइवे मरम्मत परियोजना की शुरुआत के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, ‘विपक्षी नेता जम्हूरियत का राग अलापते हैं, लेकिन वे सेना की मदद से मेरी सरकार को गिराने की कोशिशों में जुटे हुए हैं’. उन्होंने कहा कि जब से वह सत्ता में आए हैं, तब से विपक्ष उनकी सरकार को नाकाम साबित करने में लगा है. इमरान ने कहा कि विपक्षी नेता पूछता हैं कि बदलाव का क्या हुआ, तो मैं उन्हें समझाना चाहूंगा कि बदलाव रातों-रात नहीं आता, इसमें समय लगता है.
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यहां गौर करने वाली बात यह है कि इमरान पर अभी तक आरोप लगता आया है कि वह सेना की मदद से सत्ता में आए थे. पूर्व प्रधानमंत्री एवं पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (General Qamar Javed Bajwa) और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज अहमद का नाम लेते हुए कहा था कि इमरान की जीत सुनिश्चित करने के लिए दोनों ने 2018 के चुनाव में दखल दिया था. अब वही इमरान विपक्ष और सेना पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं. इससे यही लगता है कि इमरान और सेना के बीच कुछ भी सही नहीं है.
इस बीच, इमरान खान ने फिर से कश्मीर राग छेड़ा है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यदि भारत जम्मू-कश्मीर में पहले वाली स्थिति बहाल करता है, तो हम बातचीत कर सकते हैं. भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. गौरतलब है कि भारत ने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. इसके बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. उसके नेता बार-बार कश्मीर पर बयानबाजी कर रहे हैं.