अमेरिका, रूस, चीन जैसे देशों ने जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान (Pakistan) के किसी भी बयान को सुनने से मना कर दिया है. सभी देशों ने संदेश दे दिया है कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है, इसपर पाकिस्तान (Pakistan) बेवजह हल्ला मचा रहा है.
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उमरकोट (सिंध): जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and Kashmir) को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के भारत सरकार के फैसले से परेशान पाकिस्तान (Pakistan) शासक अपनी बात उठाने के लिए हर तरह के पैंतरे का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी की ताजा कड़ी में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) ने तय किया है कि वह पाकिस्तान (Pakistan) के हिंदू समुदाय व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की जनसभा को संबोधित करेंगे और उन्हें कश्मीर पर अपने रुख से अवगत कराएंगे. इसे अल्पसंख्यक समुदायों के साथ एकजुटता के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है.
यहां आपको बता दें कि अमेरिका, रूस, चीन जैसे देशों ने जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान (Pakistan) के किसी भी बयान को सुनने से मना कर दिया है. सभी देशों ने संदेश दे दिया है कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है, इसपर पाकिस्तान (Pakistan) बेवजह हल्ला मचा रहा है.
'रोजनामा पाकिस्तान (Pakistan)' की रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान (Imran khan) सिंध में हिंदुओं की अच्छी आबादी वाले इलाके उमरकोट का 31 अगस्त को दौरा करेंगे और वहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) सिंध में बसने वाले हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति एकजुटता जताने के लिए 31 अगस्त को उमरकोट का दौरा करेंगे और वहां के प्रसिद्ध शिव महादेव मंदिर के करीब स्थित मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इस सभा में हिंदु समुदाय के सदस्यों व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे. इस जनसभा को विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी व अन्य संघीय मंत्री भी संबोधित करेंगे.
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान (Pakistan) में सत्तारूढ़ तहरीके इंसाफ पार्टी के सांसद लालचंद माल्ही ने लोगों के नाम एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए उमरकोट आ रहे हैं जहां वह सभा को संबोधित करेंगे. उन्होंने लोगों से सभा में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सूत्रों ने कहा कि इस सभा से दुनिया को संदेश दिया जाएगा कि 'पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हर तरह से सुरक्षित हैं और वे पूरी तरह से उत्पीड़ित कश्मीरियों के साथ हैं.'