लद्दाख में भारतीय सेना ने दिखाया पराक्रम, 6 नई चोटियों पर जमाया कब्जा
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लद्दाख में भारतीय सेना ने दिखाया पराक्रम, 6 नई चोटियों पर जमाया कब्जा

सीमा पर जारी विवाद (India-China Dispute) के बीच भारतीय सेना (Indian Army) ने चीन (China) को करारा झटका देते हुए 6 प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया है.

लद्दाख में तैनात भारतीय जवान (फोटो: ANI)

नई दिल्ली: सीमा पर जारी विवाद (India-China Dispute) के बीच भारतीय सेना (Indian Army) ने चीन (China) को करारा झटका देते हुए 6 प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया है. लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र की इन छह चोटियों पर कब्जे के साथ ही भारतीय सेना चीन की हर हरकत पर नजर रखे हुए है. 

  1. भारतीय सेना ने छह प्रमुख चोटियों पर किया कब्जा
  2. ऊंचाई से चीन पर नजर रखना होगा आसान
  3. वायुसेना के पांच रफाल ने लद्दाख में लगाये चक्कर 

भारतीय वायु सेना (IAF) के रफाल (Rafales) जेट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास चक्कर लगा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पांच रफाल, जिन्हें औपचारिक रूप से 10 सितंबर को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया था, हाल ही में लद्दाख में सॉर्टी (Familiarisation Sorties) करते दिखाई दिए. 

ज्यादा चौकस हुई वायुसेना
AIF चीन की भड़काऊ कार्रवाइयों को देखते हुए युद्ध कौशल को निखारने में लगी है. पिछले हफ्ते चीनी सैनिकों द्वारा हवा में गोलीबारी की तीन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए वायुसेना ज्यादा चौकस हो गई है.  वहीं, समाचार एजेंसी ANI ने बताया है कि पिछले तीन हफ्तों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना द्वारा छह नई प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया गया है.

ऊंचाई का मिलेगा फायदा
इन चोटियों पर कब्जे के साथ भारत संबंधित क्षेत्र में चीनी सेना से काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है. ऐसे में उसके लिए PLA की हर गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा. इस बीच, भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर के छठे दौर की बातचीत आज यानी सोमवार को होने वाली है, जिसमें दोनों देशों के बीच हुए पांच-सूत्रीय समझौते के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सरकारी सूत्रों ने बताया कि बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से मोल्दो में सुबह 9 बजे से होगी. सूत्रों ने कहा कि पहली बार विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होने की उम्मीद है, भारत इस बातचीत से कुछ ठोस परिणाम चाहता है.

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