क्या China कर रहा युद्ध की तैयारी? राष्ट्रपति Xi Jinping के इस आदेश से उठे सवाल
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क्या China कर रहा युद्ध की तैयारी? राष्ट्रपति Xi Jinping के इस आदेश से उठे सवाल

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने केंद्रीय सैन्य आयोग की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को विश्वस्तरीय सैन्य बल बनाना हमारा लक्ष्य. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को वास्तविक युद्ध स्थितियों में प्रशिक्षण को मजबूत बनाना और युद्ध जीतने की क्षमता में इजाफा करना चाहिए.

 

फाइल फोटो

बीजिंग: क्या चीन किसी बड़े युद्ध की तैयारी कर रहा है? यह सवाल खड़ा हुआ है चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के उस आदेश से जिसमें उन्होंने सशस्त्र बलों से वास्तविक युद्ध स्थितियों में प्रशिक्षण को मजबूत बनाने और युद्ध जीतने की क्षमता में इजाफा करने को कहा है. 

  1. 2027 तक सेना को विश्व स्तरीय बनाने का लक्ष्य
  2. युद्ध जीतने की क्षमता विकसित करने पर जोर 
  3. प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण बदलाव करने का दिया आदेश 
  4.  

नई प्रशिक्षण प्रणाली
केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) की बैठक को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को विश्वस्तरीय सैन्य बल बनाने के लिए एक नई प्रकार की सैन्य प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2027 तक अपनी सेना को विश्व स्तरीय बनाना है. बता दें कि 67 वर्षीय जिनपिंग केंद्रीय सैन्य आयोग के चेयरमैन भी हैं. सीएमसी देश की 20 लाख जवानों-अधिकारियों वाली सेना की सर्वोच्च कमान है.

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यही हमारा लक्ष्य
चीन (China) के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि सैन्य युद्ध की स्थिति, सुरक्षा वातावरण और आधुनिक युद्ध के स्वरूपों में महत्वपूर्ण बदलाव किये जा रहे हैं. सैन्य प्रशिक्षण को पूरी तरह बदलने के लिए बेहतर रणनीतिक योजना और शीर्ष स्तर के डिजाइन की आवश्यकता है. उन्होंने नए तरीके की सैन्य प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित करने, नए दौर के लिए ज्यादा मजबूत सशस्त्र बलों के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी का लक्ष्य सशस्त्र बलों को विश्वस्तरीय सेना के रूप में विकसित करने है.

बाज नहीं आता
जिनपिंग का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर तनाव के दौर से गुजर रहे हैं. पिछले छह महीनों से दोनों देशों के बीच गतिरोध बरकरार है. विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिए दोनों पक्ष कई बार बैठकें कर चुके हैं, लेकिन चीन हर बार उकसावे वाली बयानबाजी करके वार्ता की गाड़ी को पटरी से उतार देता है. 

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