जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) किस तरह का झूठ फैला रहा है, इसका जिक्र खुद वहां के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah mahmood qureshi) ने भी किया है. पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) की राजधानी मुजफ्फराबाद में शाह महमूद कुरैशी (Shah mahmood qureshi) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी हमें समर्थन मिलना मुश्किल है.
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इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) में धारा 370 निष्क्रिय किए जाने के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) बौखलाया हुआ है. पिछले एक सप्ताह से पाकिस्तान (Pakistan) जम्मू कश्मीर में आतंकी नहीं भेज पा रहा है. आतंक फैलाने में नाकाम होने पर पाकिस्तान (Pakistan) के नेता चीख-चीख कर दुनियाभर में भारत की छवि खराब करने पर तुले हैं, लेकिन कोई भी देश उनकी बातों को स्वीकार नहीं कर रहा है. जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) किस तरह का झूठ फैला रहा है, इसका जिक्र खुद वहां के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah mahmood qureshi) ने भी किया है. पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) की राजधानी मुजफ्फराबाद में शाह महमूद कुरैशी (Shah mahmood qureshi) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी हमें समर्थन मिलना मुश्किल है.
पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री ने कहा, 'हमें मूर्खों के स्वर्ग में नहीं रहना चाहिए. पाकिस्तान (Pakistan)ी और कश्मीरियों को यह जानना चाहिए कि कोई आपके लिए नहीं खड़ा है. आपको जद्दोजहद करना होगा.'
Foreign minister Shah Mamood Quereshi is saying no Pakistani or Kashmiri should live in a fool's paradise re Kashmir, UN Security Council is not standing with pholon k haar. pic.twitter.com/TRjf6e3VG1
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) August 12, 2019
यही नहीं उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan) की राह मुश्किल बताते हुए कहा, 'जज्बात उभारना बहुत आसान है, मुझे दो मिनट लगेंगे. 35-36 साल से सियासत कर रहा हूं, बाएं हाथ का काम है. जज्बात उभारना आसान है, ऐतराज उससे भी आसान है. लेकिन, मसले को आगे की तरफ ले जाना कठिन है.' पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री ने कहा कि वे आपकी तरफ हार लेकर नहीं खड़े हैं.
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सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाने की बात करने वाले पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री ने कहा, 'देखिए, जो सिक्यॉरिटी काउंसिल के 5 स्थायी सदस्य हैं. उनमें से कोई भी वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकता है.'
पत्रकारों से बातचीत में महमूद कुरैशी ने जम्मू कश्मीर पर मुस्लिम देशों के किनारा करने को लेकर कहा कि दुनिया के उनके साथ हित जुड़े हुए हैं. एक अरब की मार्केट है. बहुत से लोगों ने वहां इन्वेस्टमेंट कर रखे हैं. हम उम्मा की बात तो करते हैं, लेकिन कई मुस्लिम देशों ने भी वहां इन्वेस्टमेंट किया हुआ है.'
'अल्लाह की लाठी चली तो मोदी का घमंड खाक में मिला देंगे'
हताशा में दिख रहे पाकिस्तान (Pakistan) के शासकों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'निपटने' के लिए अपनी उम्मीदें ईश्वर से लगा ली हैं. पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah mahmood qureshi) ने कहा है कि 'अल्लाह की लाठी में आवाज नहीं होती. अगर यह चल गई तो मोदी का गरूर खाक में मिल जाएगा.'
पाकिस्तान (Pakistan)ी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी ने यह बात यहां सोमवार को संवाददाताओं से कही. उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान (Pakistan) ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने का फैसला किया है. इससे पहले कि हम मुद्दा उठाएं, हमारी आवाज वहां तक पहुंचनी चाहिए. अगर हम एकजुट नहीं हुए तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा.'
कुरैशी ने कहा कि 'कुछ लापरवाहियों ने पाकिस्तान (Pakistan) को इस मामले में दशकों पीछे धकेल दिया. अब आगे बढ़ने का वक्त है. दुनिया को पता चलना चाहिए कि कश्मीरी क्या चाहते हैं. जिस दिन मोदी संयुक्त राष्ट्र आम सभा के लिए जाएं, कश्मीरियों और पाकिस्तान (Pakistan)ियों को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करना होगा, विश्व बिरादरी को चिट्ठी लिखनी होगी, आवाज उठानी होगी. हमें अपनी लड़ाई भरपूर तरीके से लड़नी होगी.'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) ने अपना स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) कश्मीर से जोड़ दिया है. भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को हम काला दिवस के रूप में मनाएंगे. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे इस काले दिवस में बढ़ चढ़कर भागीदारी करें.
कुरैशी ने दावा किया कि कश्मीर मामले में चीन का रुख पाकिस्तान (Pakistan) के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सदस्य नहीं है. ऐसे में पाकिस्तान (Pakistan) का पक्ष वहां चीन रखेगा. चीन सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान (Pakistan) का वकील होगा.
विदेशों में रह रहे पाकिस्तान (Pakistan)ियों से 15 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करने की अपील
इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान के एक शीर्ष सहायक ने विदेशों में रह रहे पाकिस्तान (Pakistan)ियों से शनिवार को अपील की और कहा कि वे दुनिया भर में जहां भी हैं, वहां 15 अगस्त को भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन करें. भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था. इसके बाद पाकिस्तान (Pakistan)ी नेतृत्व को कड़ा झटका लगा और दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
दुनियाया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी व मानव विकास मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक जुल्फिकार बुखारी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के विशेष सहायक जफर मिर्जा के साथ बुखारी ने घोषणा की कि हमें 14 अगस्त को कश्मीरियों के साथ एकजुटता का संदेश देना है.
इस बीच सूचना मामलों पर प्रधानमंत्री की विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवान ने श्रंखलाबद्ध ट्वीट्स में दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति के बारे में पाकिस्तान (Pakistan) के रुख का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी का यह कदम लोकतांत्रिक मानदंडों और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर हमला है.'
दुनिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अवान ने कहा कि चीन ने एक बार फिर कश्मीर विवाद पर इस्लामाबाद के रुख का समर्थन किया है. पाकिस्तान (Pakistan)ी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah mahmood qureshi) और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बैठक के बाद चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'बीजिंग हाल ही में कश्मीर में बढ़े तनाव को लेकर काफी चिंतित है.' बयान में कहा गया, 'चीन का मानना है कि एकतरफा कार्रवाई स्थिति को जटिल बनाएगी, जिसे नहीं किया जाना चाहिए.'
इस दौरान अवान ने कहा, 'हम जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) पर पाकिस्तान (Pakistan) के रुख का समर्थन करने के लिए अपने 'सदाबहार' दोस्त को धन्यवाद देते हैं.'
यहां आपको बता दें भारतीय संसद की ओर से जम्मू कश्मीर में धारा 370 निष्क्रिय किए जाने के फैसले का संयुक्त राष्ट्र से लेकर रूस, अमेरिका जैसे देशों ने भी समर्थन किया है. साथ ही चीन ने भी इस मुद्दे से पल्ला झाड़ लिया है. इस वजह से पाकिस्तान (Pakistan) लाचार दिख रहा है. दुनिया उसके प्रोपेगेंडा से किनारा कर चुकी है.