अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का फायदा उठा सकते हैं आतंकवादी संगठन:चीन
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अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का फायदा उठा सकते हैं आतंकवादी संगठन:चीन

अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को सितंबर तक वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले को लेकर चीन ने बृहस्पतिवार को चिंता प्रकट की. चीन ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में आतंकवादी ताकतों को अव्यवस्था का फायदा उठाने से रोकने के लिए क्षेत्र के देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए.

फाइल फोटो

बीजिंग: अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को सितंबर तक वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले को लेकर चीन ने बृहस्पतिवार को चिंता प्रकट की. चीन ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में आतंकवादी ताकतों को अव्यवस्था का फायदा उठाने से रोकने के लिए क्षेत्र के देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए. बीजिंग ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को हटाये जाने के कदम को चीन द्वारा पैदा किये गये खतरों से जोड़े जाने को लेकर भी वाशिंगटन की आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई दोनों देशों सहित सभी पक्षों के साझा हित में है.

इतनी जल्दी सेना बुलाने से बुरा असर

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां प्रेस वार्ता में अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की वाशिंगटन की योजना से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'अफगानिस्तान की मौजूदा स्थित अब भी जटिल और नाजुक है तथा आतंकवाद की समस्या हल होने से कोसों दूर है.' उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान में तैनात विदेशी सैनिकों को जिम्मेदाराना और व्यवस्थित तरीके से वापस बुलाया जाना चाहिए, ताकि अफगानिस्तान में स्थानीय बलों को सुरक्षा की जिम्मेदारी सुगमता से हस्तांतरित की जा सके और आतंकवादी ताकतों को अव्यवस्था का फायदा उठाने से रोका जा सके.' 

अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है अमेरिका

झाओ ने कहा, 'अफगानिस्तान के मुद्दों को प्रभावित करने वाला अमेरिका सबसे बड़ा विदेशी कारक है...उसे अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण नव-निर्माण का संरक्षण करने की पूरी जिम्मेदारी अवश्य लेनी चाहिए तथा क्षेत्र में अन्य देशों की सुरक्षा चिंताओं का ध्यान रखना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि क्या चीन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेरिका अपने सैनिकों को (अफगानिस्तान से) वापस बुला रहा है, प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिकी पक्ष इसे चीन की चुनौती से जोड़ रहा है.' उन्होंने कहा, 'इससे यह प्रदर्शित होता है कि शीत युद्ध की मानसकिता कितने गहरे तक जड़े जमाए हुए है, जो दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास के लिए नुकसानदेह है. साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग एवं समन्वय के लिए भी अनुकूल नहीं है.'

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संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में शामिल होगा चीन

गौरतलब है कि व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन पास्की ने कहा है कि अफगानिस्तान में बचे शेष सैनिकों को अमेरिका एक मई से पहले व्यवस्थित तरीके से वापस बुलाना शुरू करेगा और सभी अमेरिकी सैनिकों को वहां से 11 सितंबर से पहले वापस बुलाने की योजना है. बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, 'अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को खत्म करने का वक्त आ गया है. अमेरिकी सैनिकों के घर लौटने का वक्त आ गया है.' झाओ ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के गृह युद्ध का हल तलाशने के लिए 20 अप्रैल से चार मई तक इस्तांबुल में अफगानिस्तान पर होने वाले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में चीन शरीक होगा.

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