9 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को बैठक में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए आजादी मार्च और देशव्यापी धरनों के बाद अब आंदोलन के अगले चरण पर विचार के लिए जमीयते उलेमाए इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (Fazlur Rehman) ने सभी दलों का एक सम्मेलन बुलाया है. मीडिया रिपोर्ट में रविवार को बताया गया कि यह सम्मेलन मंगलवार को इस्लामाबाद (Islamabad) में होगा और इसमें नौ प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. फजलुर रहमान ने विपक्षी दलों के कई बड़े नेताओं के साथ-साथ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan peoples party) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी से खुद बातकर उन्हें सम्मेलन में आने का न्योता दिया है.
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जेयूआई-एफ सूत्रों ने 'डॉन' को बताया कि रहमान सम्मेलन में अपने आजादी मार्च (Azadi March) के प्लान ए और बी के बारे में बताएंगे. इसके अलावा वह इन नेताओं को 'सरकार को गिराने के लिए हुई गुप्त वार्ताओं' की भी जानकारी देंगे. वह विपक्षी नेताओं को बताएंगे कि 'सरकार की जड़ों को कैसे काटना है.' जेयूआई-एफ ने 27 अक्टूबर से आजादी मार्च निकालना शुरू किया. 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक पार्टी के कार्यकर्ता इस्लामाबाद में धरने पर बैठे रहे और बजाहिर 'जो सत्ता है', उसके आश्वासन पर 13 नवंबर को अपना धरना समाप्त कर लिया.
जेयूआई-एफ के नेता व सीनेटर अब्दुल गफूर हैदरी ने कहा कि इमरान सरकार के सहयोगी पंजाब विधानसभा अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही ने जेयूआई-एफ को आश्वासन दिया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) इस्तीफा देंगे और राज्य विधानसभाओं को भंग कर नए चुनाव होंगे. हैदरी ने कहा था, "कुछ भरोसे वाले लोगों के आश्वासन और इलाही के गारंटर (सरकार इस्तीफा देगी की बात के) बनने के बाद हमने धरना खत्म किया है." इलाही ने हैदरी की बात को गलत बताते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे, विधानसभाओं को भंग करने जैसे किसी तरह के कोई आश्वासन मौलाना फजल को नहीं दिए गए हैं.