अमेरिका से हक्कानी के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी है पाकिस्तानी सरकार
पाकिस्तान ने अपने पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी को गबन के आरोपों को लेकर प्रत्यर्पित करने के लिए कोशिश शुरू कर दी है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अमेरिका में अपने पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी को गबन के आरोपों को लेकर प्रत्यर्पित करने के लिए अपने विदेश मंत्रालय के जरिए प्रयास शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को हक्कानी को गत वर्ष जनवरी में पेश करने के लिए वारंट जारी किये थे लेकिन इंटरपोल ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने से इनकार कर दिया. हक्कानी पाकिस्तानी की सेना और राजनीतिक नेतृत्व के प्रमुख आलोचक हैं.
हक्कानी 27 मई 2008 से 22 नवम्बर 2011 तक अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत थे. इस अवधि को अमेरिका...पाकिस्तान संबंध में सबसे उतार चढ़ाव वाला माना जाता है. प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने 355 पृष्ठों का प्रत्यर्पण डोजियर विदेश मंत्रालय को दिया है.
‘डान’ समाचार पत्र ने एक सूत्र के हवाले से कहा, 'गृह मंत्रालय ने 355 पृष्ठों का एक डोजियर विदेश कार्यालय को सौंपा है जिसे श्रीमान हक्कानी के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका के विदेश विभाग को भेजा जाएगा.'
उच्चतम न्यायालय ने हक्कानी को वापस लाने के उच्चतम न्यायालय के पूर्व के एक आदेश का लागू करने के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को उनका प्रत्यर्पण सुनिश्वित करने का निर्देश दिया था.
2018 में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हक्कानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जब वह ‘मेमोगेट’ मामले में उसके समक्ष पेश होने में असफल रहे थे.
हक्कानी तब विवादों में आ गए थे जब उन्होंने 2011 में अमेरिकी सेना के तत्कालीन प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन को कथित रूप से एक ज्ञापन भेजा था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की तत्कालीन पीपीपी सरकार को सेना द्वारा संभावित रूप से हटाने से रोकने के लिए सीधे हस्तक्षेप की मांग की थी.
समाचारपत्र ने कहा कि मेमोगेट मामले को लेकर हक्कानी के इस्तीफे के सात वर्ष बाद मार्च 2018 में उनके खिलाफ 20 लाख अमेरिकी डालर के गबन का मामला दर्ज किया गया. इसे अब उनके प्रत्यर्पण का आधार बनाया जा रहा है.
(इनपुट - भाषा)
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