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इस्लामाबाद: जब से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने कांग्रेस से किनारा किया है, तब से एक नाम लगातार सुर्खियों में है, और वो है पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम (Aroosa Alam). कैप्टन से खुन्नस खाए कांग्रेसी लगातार अरूसा का नाम उछालकर उन्हें निशाना बना रहे हैं. अब अरूसा ने पलटवार किया है और अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों के जवाब देकर यह साफ करने की कोशिश की है कि सब कुछ नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के इशारे पर हो रहा है.
पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम (Aroosa Alam) ने मंगलवार को कहा कि वह इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ अपने कथित संबंधों को लेकर भारतीय एजेंसियों की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. दरअसल, पंजाब के उपमुख्यमंत्री और गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने पिछले सप्ताह कहा था कि आलम का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ कोई संबंध है या नहीं इसकी जांच की जाएगी. आलम ने कहा कि ये आरोप 'अपमानजनक और बेहद निराशाजनक' हैं.
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आलम ने कहा कि अगर भारत की केन्द्रीय एजेंसियां इस मामले की जांच करना चाहती हैं तो मैं सहयोग करने को तैयार हूं. भारत मेरे खिलाफ आधारहीन प्रोपगैंडा की जांच करने के लिए किसी तीसरे देश के जांचकर्ताओं की भी मदद ले सकता है. उन्होंने कहा, '16 साल पहले जब किन्हीं कारणों से मुझे भारतीय वीजा देने से मना कर दिया गया था, उस वक्त भारत सरकार ने ऐसी जांच की थी और बाद में वीजा जारी किया गया था’.पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा कि वह अंतिम बार नवंबर में भारत यात्रा पर गई थीं और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अभी भी उनके अच्छे मित्र हैं.
67 वर्षीय पत्रकार ने कहा कि इस विवाद के बावजूद कैप्टन साहिब अभी भी मेरे अच्छे मित्र हैं. उन्होंने कटाक्ष किया कि उनके माध्यम से आईएसआई ने आखिर क्या ‘राज’ हासिल कर लिया होगा? आलम ने आरोप लगाया कि आईएसआई के साथ उनके तार जोड़ने का विचार नवजोत सिंह सिद्धू के मुख्य रणनीतिकार (मोहम्मद) मुस्तफा का होगा. संभवत: उन्होंने सिद्धू को सलाह दी होगी कि मुख्यमंत्री बनने के प्रयास में बुरी तरह विफल होने के बाद वह ISI वाली बात कहें. क्योंकि आईएसआई वाली बात भारत में खूब पसंद की जाती है.
महिला पत्रकार ने आईएसआई के साथ उनके संबंधों की जांच करवाने के रंधावा के दावे को लेकर उनके अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'रंधावा को उनका अधिकार क्षेत्र नहीं पता है, लेकिन, अगर वह मेरी जांच करना चाहते हैं तो, उनका बहुत स्वागत है’. रंधावा ने दावा किया कि कैप्टन सिंह वर्षों से आलम के मित्र हैं और वह वर्षों से भारत में रह रही थीं और केन्द्र ने समय-समय पर उनका वीजा बढ़ाया है.