चीन के कर्ज के दलदल में डूबेगा पाकिस्तान,सबसे महंगी परियोजना को मंजूरी
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चीन के कर्ज के दलदल में डूबेगा पाकिस्तान,सबसे महंगी परियोजना को मंजूरी

पाकिस्तान सरकार ने बताया कि सीपेक के तहत रेलवे लाइन अपग्रेड करने के लिए चीन के सहयोग वाले 6.8 अरब अमेरिकी डॉलर ($6.8 Billion Project) के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. 

चीन के कर्ज के दलदल में डूबेगा पाकिस्तान,सबसे महंगी परियोजना को मंजूरी

नई दिल्ली: पाकिस्तान ( Pakistan) की सर्वोच्च वित्तीय संस्था ने बुधवार को कई अरब डॉलर वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के दायरे में आने वाली परियोजना को अंतिम मंजूरी दे दी. पाकिस्तान सरकार ने बताया कि सीपेक के तहत रेलवे लाइन अपग्रेड करने के लिए चीन के सहयोग वाले 6.8 अरब अमेरिकी डॉलर ($6.8 Billion Project) के प्रोजेक्ट को मंदूरी दी गई है. 

  1. चीन के कर्ज के दलदल में फंसेगा पाकिस्तान
  2. लगातार चीन के बढ़ते निवेश से परेशान USA
  3. रेलवे का ढांचा सुधारने का प्रोजेक्ट है ML-1

चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट और रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत, आगे बढ़ रही मुहिम में बीजिंग ने पाकिस्तान में बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए 60 अरब डॉलर से ज्यादा की वित्तीय मदद का भरोसा दिया था. सीपेक (CPEC) बीजिंग का वो अहम रूट है जिसके जरिए वो एशिया के बाहर तक अपनी पहुंच को आसान करना चाहता है 

पाकिस्तान के राष्ट्रीय वित्तीय परिषद (ECNEC) के मुताबिक रेलवे प्रोजेक्ट मेन लाइन -1 (ML-1) को अंतिम मंजूरी दी गई है जो इस्लामाबाद और बीजिंग का संयुक्त उपक्रम होगा.

परियोजना के तहत पाकिस्तान में 2,665 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक अपग्रेड किया जाएगा जिससे यहां 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी. जबकि अभी इसी ट्रैक पर इससे आधी स्पीड पर ट्रेन सेवा संचालित होती है. वहीं रोजाना इस रूट से गुजरने वाली ट्रेन के फेरों में भी इजाफा होगा.

कमिटमेंट चार्ज से बचने के लिए प्रोजेक्ट को तीन पैकेज के जरिए पूरा किया जाएगा, वहीं हर पैकेज के लिए लोन की राशि अलग-अलग होगी.

पश्चिमी देशों की चिंता
सीपेक (CPEC) की कई पश्चिमी देश आलोचना कर रहे हैं. ख़ासतौर पर अमेरिका इसका सबसे मुखर विरोध कर रहा है, उसका कहना है कि परियोजना में पारदर्शिता नहीं है और इससे पाकिस्तान चीन के कर्ज के दलदल में और धंस जाएगा.अमेरिका ने कहा था कि चीन का सीपीईसी में निवेश करने का मकसद पाकिस्तान की मदद करना नहीं वरन खुद फायदा कमाना है. इसको लेकर ये तक कहा गया कि अगर चीन लंबे समय तक सीपीईसी में निवेश करता रहा तो इससे पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी.

चीन और पाकिस्तान के इस प्रोजेक्ट पर कई वर्षों से कुछ चिंताएं बनी हुई हैं. फिलहाल ML-1 को पाकिस्तान की इमरान खान सरकार उस अहम परियोजना की तरह देख रही है जिससे विपक्ष के सवालों का जवाब भी दिया जा सके.

करीब 6.8 अरब अमेरिकी डॉलर का ML-1  प्रोजेक्ट, 2020-21 के लिए निर्धारित पाकिस्तान के डेवलपमेंट बजट के लगभग बराबर है जो करीब 1.32 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये बैठता है. 

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