पाकिस्‍तान में 2000 से ज्‍यादा सरकारी टीचरों को 'चंद मिनटों' में कर दिया गया सस्‍पेंड
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पाकिस्‍तान में 2000 से ज्‍यादा सरकारी टीचरों को 'चंद मिनटों' में कर दिया गया सस्‍पेंड

शिक्षा सचिव ने खुलासा किया, "जांच समितियां 30 दिनों के भीतर अनुपस्थित शिक्षकों की किस्‍मत का फैसला करने जा रही हैं."

पाकिस्‍तान में 2000 से ज्‍यादा सरकारी टीचरों को 'चंद मिनटों' में कर दिया गया सस्‍पेंड

नई दिल्‍ली/इस्‍लामाबाद: बलूचिस्तान शिक्षा विभाग ने पिछले हफ्ते प्रांत में 2,000 से अधिक शिक्षकों को निलंबित कर दिया. निलंबित शिक्षक क्वेटा, डेरा बुगती, पिशिन, किला अब्दुल्ला और प्रांत के अन्य जिलों के हैं. बलूचिस्तान के शिक्षा सचिव तैय्यब लहरी ने यह जानकारी दी.

लहरी ने DAWN News को बताया कि "हम गैर-क्रियाशील स्कूलों को कार्यात्मक बनाने के लिए गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर चुके हैं."

शिक्षा सचिव ने बताया कि इन निलंबित शिक्षकों को स्‍कूल से गैर हाजिर रहने के चलते लगातार कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे. हालांकि, वे इसका जवाब दे पाने और स्‍कूल में हाजिर रहने में विफल रहे. सचिव ने कहा कि पिशिन में 200 से अधिक शिक्षकों को, 81 को डेरा बुगती में और अन्‍य शिक्षकों को अलग-अलग जिलों में निलंबित कर दिया गया.

समूचे बलूचिस्‍तान में प्राइमरी से हाई स्‍कूल स्‍तर के स्‍कूलों में सरकारी टीचरों की संख्‍या करीब 70 हजार से ज्‍यादा है. यह पहली बार है जब प्रांत की सरकार ने गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों के लिए इतना बड़ी कार्रवाई की है. शिक्षा सचिव लहरी ने कहा कि "बढ़ते दबाव के बावजूद, हमने कार्रवाई जारी रखने का फैसला किया है."

यह कार्रवाई सूचना एवं वित्‍त मंत्री जहूर बुलदी और बलूचिस्‍तान के मुख्‍यमंत्री के शिक्षा सलाहकार मोहम्‍मद खान लहरी द्वारा प्रांत में शिक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद की गई है.

इस बैठक में 1,800 से अधिक गैर-कार्यात्मक स्कूलों को कार्यात्मक बनाने और प्रांत के 67 मिडिल स्कूलों और 80 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों को अपग्रेड करने का फैसला भी किया गया.

मंत्री ने बताया कि गैर हाजिर टीचरों के प्रत्येक व्यक्तिगत मामले की जांच के लिए जांच समितियों को बनाया गया है. शिक्षकों को पहले चरण में निलंबित कर दिया गया और जांच में दोषी पाए जाने पर सेवा समाप्त भी कर दी जाएगी.

शिक्षा सचिव ने खुलासा किया, "जांच समितियां 30 दिनों के भीतर अनुपस्थित शिक्षकों की किस्‍मत का फैसला करने जा रही हैं."

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