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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) वैसे तो हर समय भारत के साथ युद्ध की फिराक में रहता है लेकिन सच ये है कि पाकिस्तान भारत के हाथों नहीं अपने नेताओं के हाथों पहले ही हार चुका है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने खुद ये कबूल किया है कि अब उनके पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है. यानी उनका देश लगभग कंगाल हो चुका है. जब भी पाकिस्तान पर ऐसा संकट आता है तो वो Internatinal Monetry Fund और World Bank जैसी संस्थाओं से उधार मांगता है. लेकिन इस बार पाकिस्तान के लिए सभी दरवाजे बंद हो चुके हैं क्योंकि IMF ने भी पाकिस्तान को और उधार देने से मना कर दिया है. कैसे पाकिस्तान के हर नागरिक पर इस समय 2 लाख 35 हजार रुपये से ज्यादा का उधार है और कैसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Economy) की ये बर्बादी इमरान खान का तख्ता पलट कर सकती है.
पाकिस्तान में आई भुखमरी की नौबत पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनका देश उधार मांग कर गुजारा कर रहा है और इसके लिए उनकी सरकार खुद अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के सामने कटोरा लेकर खड़ी है. पाकिस्तान ने IMF से अपील की थी कि वो पाकिस्तान की GDP का 2 प्रतिशत उधार दे दे यानी इमरान खान IMF से 38 हजार करोड़ रुपये उधार लेना चाहते थे. लेकिन IMF ने पाकिस्तान के मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया.
कल ही State Bank Of Pakistan ने सितंबर 2021 के कर्ज के कुछ आंकड़े जारी किए हैं. जिनके मुताबिक इस समय पाकिस्तान पर 50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है और जब से इमरान खान की सरकार आई है, तब से पाकिस्तान का कर्ज 70 प्रतिशत तक बढ़ चुका है. इमरान खान की सरकार ने हर दिन करीब 1400 करोड़ रुपये किसी ना किसी संस्था से उधार लिए हैं.
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वर्ष 2018 तक हर पाकिस्तानी नागरिक पर औसतन 1 लाख 44 हजार रुपये का कर्ज था, जो अब बढ़कर 2 लाख 35 हजार रुपये हो चुका है. इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था करीब 21 लाख करोड़ रुपये की है जबकि भारत का एक साल का बजट ही 34 लाख करोड़ रुपये है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से करीब 10 गुना बड़ी है. दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपति Elon Musk की कुल संपत्ति भी इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से ज्यादा है. Elon Musk के पास इस समय 21 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है.
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कर्ज, गरीबी और बढ़ती महंगाई की वजह से अब इमरान खान के प्रति पाकिस्तान के लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. अब इस संकट से पाकिस्तान को सिर्फ एक देश उबार सकता है और वो है चीन, लेकिन अब पाकिस्तान में चीन का भी जबरदस्त विरोध हो रहा है. जिसका सबसे बड़ा उदाहरण पाकिस्तान का ग्वादर पोर्ट है. जिसका निर्माण चीन ने किया है और जो CPEC का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ग्वादर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आता है. जहां के लोग पहले से ही पाकिस्तान से आजादी मांग रहे हैं. लेकिन अब वहां चीन का भी जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है और लोग CPEC का विरोध कर रहे हैं क्योंकि बलूचिस्तान के लोगों को लगता है कि चीन उन्हें अपना गुलाम बना लेगा.
ग्वादर में पिछले एक हफ्ते से हज़ारों लोग सड़कों पर हैं. ग्वादर में चप्पे-चप्पे पर पाकिस्तान के सैनिक तैनात हैं और यहां बड़ी संख्या में Check Posts भी बनाई गई हैं ताकि यहां से माल ले जा रहे चीन के ट्रक सुरक्षित बाहर निकल सकें. लेकिन अब स्थानीय लोगों को इससे परेशानी हो रही है और वो कह रहे हैं कि उन्हें Check Post नहीं बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक चाहिए.
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ग्वादर में चीन के निवेश को बचाने के लिए पाकिस्तान ने इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है कि वहां के स्थानीय लोग बिना आईडी कार्ड के अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल सकते, हर चेक पोस्ट में उनकी तलाशी होती है और जरा सा भी शक होने पर लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है. इसके अलावा पाकिस्तान ने चीन के मछुआरों को ग्वादर के समुद्र में मछली पकड़ने की भी इजाजत दे दी है. जबकि ग्वादर के स्थानीय मछुआरे भूखे मरने पर मजबूर हैं और इन्हीं सब कारणों से अब ग्वादर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस इलाके में चीन ने जितना भी निवेश किया है, उससे यहां के स्थानीय लोगों का जरा सा भी फायदा नहीं हुआ है.
इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व मौलाना हिदायत उल रहमान कर रहे हैं जिनका कहना है कि सुरक्षा के नाम पर बनाए गए ये नियम ग्वादर के लोगों का अपमान है और अगर पाकिस्तान की सरकार नहीं मानी तो इस विरोध प्रदर्शन का दायरा बढ़ाया जाएगा और पूरे बलूचिस्तान को इसमें शामिल किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो CPEC को भी बाधित किया जा सकता है.
इमरान खान के लिए एक और बुरी खबर आई है. पाकिस्तान में इन दिनों एक Audio Clip Viral हो रही है, जिसमें पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार की आवाज है. इसमें साकिब निसार को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि वर्ष 2018 में जब वो पाकिस्तान के Cheif Justice थे तब पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत पर ये दबाव बनाया गया था कि भ्रष्टाचार के मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को सजा दी जाए क्योंकि इमरान खान को जिताना जरूरी है.
ये Audio पाकिस्तान में खोजी पत्रकारिता करने वाली एक Website Fact Focus ने जारी किया है और इस वेबसाइट का दावा है कि ये ऑडियो पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस का ही है. हालांकि हम इस ऑडियो की पुष्टि नहीं कर सकते. इस ऑडियो में साकिब निसार ने Institutions शब्द का इस्तेमाल किया है और वो कहते हैं कि ये दबाव Institutions की तरफ से बनाया गया था. पाकिस्तान में इस शब्द का इस्तेमाल खुफिया एजेंसी ISI और वहां की सेना के लिए किया जाता है.
हालांकि अब साकिब निसार इस बात से इनकार कर रहे हैं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी या वहां की सेना ने उन पर किसी प्रकार का दबाव बनाया था. लेकिन इस ऑडियो से एक बात साफ है कि पाकिस्तान में सरकार असल में चुने हुए नेता नहीं बल्कि वहां की सेना और खुफिया एजेंसिया चलाती है. लेकिन जिस सेना और ISI ने इमरान खान को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनवाया था, अब वो भी इमरान खान के खिलाफ है और फिलहाल इमरान खान और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच नाराजगी और दुश्मनी बहुत ज्यादा बढ़ गई है और पाकिस्तान की सेना इमरान खान का तख्ता पलट भी कर सकती है.
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