Pakistan में महिला School Principal को मौत की सजा, खुद को बताया था इस्लाम का पैगंबर
Advertisement
trendingNow1995968

Pakistan में महिला School Principal को मौत की सजा, खुद को बताया था इस्लाम का पैगंबर

पाकिस्तान में एक स्कूल प्रिंसिपल को पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करना बेहद भारी पड़ा. कोर्ट ने उसे ईशनिंदा का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है. महिला ने पैगंबर मोहम्मद को इस्लाम का अंतिम पैगंबर मानने से इनकार कर दिया था और खुद को इस्लाम का पैगंबर बताया था.

फाइल फोटो

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में ईशनिंदा (Blasphemy) के नाम पर एक महिला स्कूल प्रिंसिपल को मौत की सजा सुनाई गई है. इसका अलावा, कोर्ट ने महिला पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. प्रिंसिपल को 2013 से जुड़े ईशनिंदा के एक मामले में दोषी करार दिया गया है. महिला ने पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) को इस्लाम का अंतिम पैगंबर मानने से इनकार कर दिया था और खुद को इस्लाम का पैगंबर बताया था. इसी बात को लेकर एक स्थानीय मौलवी ने केस दायर किया था, जिस पर अब फैसला आया है.

  1. अदालत ने महिला पर 5000 का जुर्माना भी लगाया
  2. प्रिंसिपल को 2013 के मामले में सुनाई गई है सजा
  3. पाक में ईशनिंदा को लेकर बेहद सख्त हैं कानून  
  4.  

वकील की दलील नहीं आई काम

लाहौर की डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट ने निश्तर कॉलोनी स्थित प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल सलमा तनवीर (Salma Tanvir) को मौत की सजा सुनाई है. न्यायाधीश मंसूर अहमद ने अपने फैसले में कहा कि तनवीर ने पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) को इस्लाम का अंतिम पैगंबर नहीं मान कर ईशनिंदा की. तनवीर के वकील मुहम्मद रमजान ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और अदालत को इसपर गौर करना चाहिए, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया. 

ये भी पढ़ें -बड़बोले इमरान की फिर हुई बेइज्जती, जो बाइडन से बातचीत का इंतजार हुआ और लंबा

Medical Report बनी सबूत

दरअसल, मौलवी की ओर से पेश वकील ने अदालत को पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के एक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया था कि आरोपी महिला संदिग्ध मुकदमा चलाने के लिए फिट है और उसकी मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक है. इसके आधार पर कोर्ट ने महिला के वकील की दलीलों को खारिज कर दिया. बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर कानून बेहद सख्त हैं. खासतौर पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने के लिए इन कानूनों का इस्तेमाल किया जाता है.

Ziaul Haq ने बनाया था कानून

तानाशाह जिया-उल-हक के शासनकाल में पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को लागू किया गया था. पाक की जेलों में मुसलमानों और ईसाइयों सहित सैंकड़ों लोग ईशनिंदा के आरोपों में बंद हैं. 1987 से लेकर अब तक करीब 1500 लोगों पर इस कानून के तहत कार्रवाई की गई है. 2010 में एक महिला को पड़ोसियों से विवाद होने पर इस्लाम का अपमान करने को लेकर दोषी ठहराया गया था और उसे आठ साल तक कालकोठरी में रखा गया था. 

 

Trending news