Pakistan Crisis: आर्थिक मोर्चे पर लगातार विफल हो रही पाकिस्तान की सरकार अब पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान है. यह लगातार विदेशी मुद्रा भंडार खाली कर रहा है. अब सरकार लॉकडाउन लगाकर और ऑफिस में वर्किंग डे घटाकर तेल और विदेशी मुद्रा बचाने की तैयारी में है.
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Pakistan Economic Crisis: पिछले एक साल से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की परेशानी कम होने की जगह बढ़ती जा रही है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने समस्या और बढ़ा दी है. तमाम कोशिशों के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल रहा है. अब इस संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार अलग तरह की कोशिश कर रही है. दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने इस दिक्कत को दूर करने के लिए कर्मचारियों के काम के दिन कम करने का प्लान बनाया है.
पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने कार्यदिवस कम करने के प्लान को मंजूर कर लिया है. सरकार का मानना है कि इस योजना से ईंधन बचेगा और विदेशी मुद्रा की खपत भी कम हो जाएगी. दरअसल, एक तरफ जहां पाकिस्तान में तेल की खपत बढ़ रही है, तो दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही हैं. इन सबसे व्यवस्था चरमरा रही है.
पाक सरकार का मानना है कि काम के दिन करके पेट्रोल-डीजल बचाने की योजना से 2.7 अरब डॉलर वार्षिक तक विदेशी मुद्रा की बचत हो सकती है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने यह प्रस्ताव तैयार किया है. इसके तहत ऑफिस में अब सिर्फ 4 दिन काम करने और तीन दिन छुट्टियां देने की बात कही गई है. इस प्लानिंग से पीओएल बचत प्रति महीने औसत 12.2 करोड़ बचत का अनुमान है. 1 साल में इसके 1.5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. प्रस्ताव में ये बताया गया है कि कार्य़ दिवस के दिन तेल की खपत 90 प्रतिशत होती है, जबकि छुट्टी वाले दिन यह आंकड़ा सिर्फ 10 प्रतिशत है.
इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने दूसरा और तीसरा प्लान भी तैयार किया है. दूसरे प्लान के मुताबिक, उसने 4 वर्किंग डे, 2 लीव डे और एक दिन लॉकडाउन करने का सुझाव दिया है. इससे हर महीने करीब 17.5 करोड़ डॉलर बचत का अनुमान है. सालान यह 2.1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. वहीं तीसरे प्लान में 4 वर्किंग डे, 1 दिन की छुट्टी और 2 दिन लॉकडाउन का सुझाव दिया गया है. इस प्लान में सालाना 2.7 अरब डॉलर बचत की उम्मीद है.