Pakistan Economic Crisis: भारत से दुश्मनी में कंगाल हुआ पाकिस्तान, अब डॉलर के लिए इस देश को सौंपने जा रहा 3 एयरपोर्ट
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Pakistan Economic Crisis: भारत से दुश्मनी में कंगाल हुआ पाकिस्तान, अब डॉलर के लिए इस देश को सौंपने जा रहा 3 एयरपोर्ट

Pakistan Latest News: भारत से दुश्मनी के चक्कर में कंगाल हो चुका पाकिस्तान अब संकट से बाहर निकलने के लिए अपने 3 हवाई अड्डों को दूसरे देश को बेचने जा रहा है. इसके लिए एशिया के 2 बड़े देशों से उसकी बात चल रही है. जल्द ही वह इस डील को फाइनल कर लेगा. 

Pakistan Economic Crisis: भारत से दुश्मनी में कंगाल हुआ पाकिस्तान, अब डॉलर के लिए इस देश को सौंपने जा रहा 3 एयरपोर्ट

Pakistan Economic Crisis Latest Updates: भारत से हजार बरसों तक दुश्मनी की कसम खाने वाला पाकिस्तान इन दिनों एक-एक पैसे के लिए तरसने को मजबूर है. कई महीनों तक हाथ-पांव मारने के बावजूद पाकिस्तान को अब तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन नहीं मिल पाया है. डॉलर की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अब अपने 3 बड़े हवाई अड्डों को बेचने का फैसला किया है. खबर है कि वह इन तीनों एयरपोर्ट का संचालन कतर को सौंप सकता है. पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. 

कतर और UAE के साथ चल रही है बातचीत

पाकिस्तान के रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने इस बात की पुष्टि की है. रफीक ने कहा कि पाकिस्तान सरकार Pakistan Economic Crisis लोन हासिल करने के लिए अपने लाहौर, कराची और इस्लामाबाद हवाई अड्डे का संचालन विदेशी हाथों में सौंप सकता है. यानी कि लोन देने के बदले में उक्त देश को इन तीनों हवाई अड्डों पर अधिकार दिया जा सकता है. इसके लिए कतर के साथ ही संयुक्त अरब अमीरात से भी बातचीत की जा रही है. ऐसा करके पाकिस्तान में गंभीर हो चुके भुगतान संकट को दूर करने की तैयारी है. 

हवाई अड्डे लेने वाले देश को मिलेंगे ये अधिकार

पाकिस्तानी मंत्री के मुताबिक सरकार के इस कदम से देश की हवाई संचालन सेवा में सुधार होगा और देश में विदेशी निवेश का स्तर भी बढ़ जाएगा. पाकिस्तान Pakistan Economic Crisis के टॉप फाइनेंस इंस्टिटयूशन आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने लंबी चर्चा के बाद तीन हवाईअड्डों की आउटसोर्सिंग के मसौदे को मंजूरी दे दी. रफीक ने कहा कि जिस देश के साथ फाइनल समझौता हो जाएगा, उसे इन हवाई अड्डों को चलान, उन्हें नए सिरे से विकसित करने और कमर्शल एक्टिविटी से कमाई करने का अधिकार होगा. 

ऐसे बढ़ता चला गया पाकिस्तान का आर्थिक संकट

बताते चलें कि आतंकी गतिविधियों की वजह से पाकिस्तान Pakistan Economic Crisis में पिछले कई सालों में विदेशी निवेश लगातार गिरता रहा था. रही-सही कसर पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ ने पूरी कर दी. जिसके चलते पाकिस्तान की हालत खस्ता हो गई है. पाकिस्तान में अब केवल 3 बिलियन डॉलर ही शेष बचे हैं, जिसकी वजह से उसका आयात पूरी तरह ठप होकर रह गया है. बाहर से सामान न आने की वजह से पाकिस्तान में सामानों की कमी तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में डॉलर के संकट को दूर करने के लिए पाकिस्तान अब अपनी संपत्तियों को बेचने या किराये पर देने की रणनीति पर चल रहा है. 

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