पिछले साल अक्टूबर में शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर ने अलग-अलग आवदेन कर गृह मंत्रालय से उनका नाम ईसीएल से हटाने का आग्रह किया था.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी और दामाद का नाम निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) से हटाने का आग्रह ठुकरा दिया. ईसीएल विदेश यात्रा पर रोक लगाती है.
जीओ न्यूज की खबर के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर ने अलग-अलग आवदेन कर गृह मंत्रालय से उनका नाम ईसीएल से हटाने का आग्रह किया था.
अपनी अर्जी में तीनों ने कहा था कि पाकिस्तान से निकास नियम 2010 उन पर लागू नहीं होता क्योंकि वे भ्रष्टाचार, अधिकारों के दुरुपयोग, आतंकवाद और अन्य किसी षड्यंत्र में शामिल नहीं हैं. इसलिए ईसीएल से उनके नाम हटाये जाने चाहिए. खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने नवाज, मरियम और सेवानिवृत्त कैप्टन सफदर की अर्जी को खारिज कर दिया है.
प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पिछले साल 20 अगस्त को शरीफ परिवार के नामों को ईसीएल में दर्ज करने का फैसला लिया गया था.
अस्पताल से जेल पहुंचे नवाज
इससे पहले शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में सात साल जेल की सजा काट रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लाहौर के अस्पताल में छह दिन बिताने के बाद वापस जेल पहुंच गए.
शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से कहा कि नवाज शरीफ के स्वास्थ्य के मुद्दों पर सरकार के गंभीर नहीं रहने के रवैये के कारण उनके आग्रह पर उन्हें कोट लखपत जेल (लाहौर) वापस भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि शरीफ (69) पिछले शनिवार से सर्विसेज हॉस्पीटल में थे लेकिन सरकार उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर मजाक बना रही थी.
उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि उन्हें हृदय रोग की समस्या है लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार उन्हें एक अस्पताल से दूसरे में भर्ती करा रही है. खुलासा हुआ है कि सर्विसेज अस्पताल में कोई हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है इससे उनके जीवन को खतरा है.
उन्होंने खेद व्यक्त किया और चेतावनी दी कि अगर खराब स्वास्थ्य कारण के चलते उनके पिता के साथ कुछ भी होता है तो प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार जिम्मेदार होगी.
(इनपुट - भाषा)