सैटेलाइट तस्वीर से खुली PAK की पोल: श्रीनगर से 155 किमी दूर Skardu Airbase पर बनाया दूसरा रनवे
चीन के दोस्त पाकिस्तान को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है. सैटेलाइट तस्वीर में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान श्रीनगर से 155 किलोमीटर की दूरी पर स्कर्दू एयरबेस को अपग्रेड करने में जुटा है. वहीं, चीन द्वारा सीमा पर सैन्य गतिविधियां बढ़ाने की बात भी सामने आ चुकी है.
इस्लामाबाद: एक तरफ जहां चीन (China) नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिविधियों को तेज कर रहा है. वहीं, पाकिस्तान (Pakistan) भी श्रीनगर से 155 किलोमीटर की दूरी पर स्कर्दू एयरबेस (Skardu Airbase) को अपग्रेड करने में जुटा है. हाल में ली गई सैटेलाइट तस्वीर में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स ने स्कर्दू एयरबेस पर दूसरे रनवे का काम लगभग पूरा कर लिया है. पाकिस्तान ने इस एयरबेस पर JF-17 लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन को तैनात किया हुआ है.
Chinese Aircraft आए हैं नजर
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट Detresfa ने सैटेलाइट तस्वीर से पाकिस्तानी तैयारी का खुलासा किया है. Detresfa ने बताया है कि स्कर्दू एयरबेस पर दूसरे रनवे का काफी काम हो चुका है. बता दें कि मई 2020 में Detresfa ने ही इस एयरबेस के अपग्रेडेशन को लेकर पहली बार जानकारी दी थी. पाकिस्तानी वायु सेना स्कर्दू एयरबेस के संचालन में चीन का भी साथ लेती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस एयरबेस पर चीन के कई एयरक्राफ्ट भी देखे जा चुके हैं.
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रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है Airbase
पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके के स्कर्दू में स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के इस एयरबेस का रणनीतिक रूप से बड़ा महत्व है. यहां से श्रीनगर और लेह की दूरी मात्र 200 किलोमीटर है. यहां से उड़ान भरने के बाद पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मुश्किल से 5 मिनट में भारतीय वायुसीमा में प्रवेश कर सकते हैं. हालांकि, ये बात अलग है कि भारतीय सेना की चौकस निगाहों से बचना पाकिस्तान के लिए मुमकिन नहीं है.
Experts ने जताई ये आशंका
स्कर्दू के इस नए एयरपोर्ट पर अंडरग्राउंड फ्यूल स्टेशन और हथियार डिपो का भी निर्माण किया गया है. पाकिस्तान यहां से चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की भी निगरानी करना चाहता है. गौरतलब है कि स्कर्दू में पाकिस्तान का सिविल एयरपोर्ट पहले से ही मौजूद है. जानकारों ने आशंका जताई है कि CPEC की सुरक्षा के लिए पीओके में स्थित इस एयरबेस का इस्तेमाल चीनी वायुसेना भी कर सकती है. यदि ऐसा होता है तो इससे भारत की चिंता बढ़ेगी.