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नई दिल्ली: पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई आम लोगों के साथ-साथ सरकार के लिए भी मुसीबत का सबब बन चुकी है. खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं जिससे लोगों में बेहद गुस्सा है. लेकिन सरकार जख्म पर मरहम लगाने की बजाय उस पर नमक छिड़कने का काम कर रही है. महंगाई को लेकर पाकिस्तान के संघीय मंत्री अमीन गंडापुर ने हाल में एक ऐसा बयान दिया जिससे लोगों को ज्यादा निराशा हुई है.
जियो टीवी की खबर के मुताबिक पाकिस्तान सरकार में गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अमीन गंडापुर ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से कम खाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि क्या हम देश के लिए इतनी सी कुर्बानी नहीं दे सकते. मैं अगर चाय में 100 दाने चीनी डालता हूं और 9 दाने कम डालने पर क्या चाय कम मीठी हो जाएगी. अगर मैं रोटी के सौ निवाले खाता हूं तो क्या उसमें से 9 निवाले कम नहीं खा सकता.
मंत्री ने आगे कहा कि अगर 9 फीसदी महंगाई है तो क्या मैं अपनी कौम, अपने बच्चों के लिए इतनी सी कुर्बानी नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आजादी और अपने बच्चों को गुलामी से बचाने के लिए हमें कुर्बानी देनी होगी. अब आप लोगों को ये फैसला करना है. मंत्री ने बुधवार को यह बयान दिया है लेकिन अब यह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुका है और लोग उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं.
पाकिस्तान में नेताओं की ओर से पहली बार इस तरह की बयानबाजी नहीं की गई है. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी पाकिस्तान की जनता को कम रोटी खाने की सलाह दे चुके हैं. इसके अलावा पीटीआई के एक नेता रियाज फतयाना ने भी अमीन गंडापुर जैसा ही बयान दिया था.
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बढ़ती मुद्रीस्फीति पर काबू पाना बड़ी चुनौती बन गया है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने बैठक कर खाद्य वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित करने को लेकर मंथन किया था. इसके अलावा आईएमएफ भी पाकिस्तान को चेताते हुए कह चुका है कि वहां के हालात काफी चिंताजनक है हालांकि सरकार इस दिशा में सही कदम उठा रही है.
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सरकारी के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर के महीने में पाकिस्तान में कंज्यूमर आइटम्स के दामों ने बढ़ोतरी का नया रिकॉर्ड छू लिया है. इसकी वजह महंगाई है जो अगस्त की तुलना में 8.4 फीसदी से बढ़कर 9 फीसदी पर जा पहुंची है.