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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की मस्जिदों (Mosques) में आतंकवादियों के लिए चंदा इकठ्ठा किया जाता है. यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी अवामी नेशनल पार्टी (ANP) ने लगाया है. ANP ने इमरान खान (Imran Khan) सरकार की आतंकियों को समर्थन वाली नीतियों को बेनकाब करते हुए कहा कि देश में बड़े पैमाने पर आतंकियों के लिए चंदा इकठ्ठा किया जा रहा है और यह सबकुछ मस्जिदों में हो रहा है. विपक्ष के इस सनसनीखेज आरोप पर फिलहाल इमरान खान खामोश हैं.
विपक्षी पार्टी अवामी नेशनल पार्टी (ANP) ने दावा किया है कि पाकिस्तान की मस्जिदों के जरिए आतंकी संगठन ‘अफगान तालिबान’ (Terrorist Organisation Afghan Taliban) के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. पार्टी ने इमरान सरकार से आतंकियों को मस्जिद के जरिए चंदा देने की इस प्रथा को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए कदम उठाने को कहा है. पाकिस्तान पर शुरू से ही आतंकियों को मदद पहुंचाने और अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए तालिबान का साथ देने के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में विपक्षी पार्टी का यह आरोप उसके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.
न्यूज एजेंसी ANI ने पाकिस्तानी अखबार डॉन के हवाले से बताया है कि पूर्व प्रांतीय प्रवक्ता और अवामी नेशनल पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष आइमल वली खान ने सदरुद्दीन मारवात को श्रद्धांजलि देने के लिए बच्चा खान मरकज में आयोजित शोक सभा में बोलते हुए मंस्जिदों में इक्कठा हो रहे चंदे का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान अफगानिस्तान की मान्यता की वकालत करने वाले लोगों को पख्तूनों का दोस्त नहीं कहा जा सकता.
एएनपी नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा इस बात की ओर संकेत दिया है कि आतंकवादी देश के कुछ हिस्सों में फिर से संगठित हो रहे हैं, मगर सरकार ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की. उन्होंने आगे कहा कि पिछली गलतियों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए. गौरतलब है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की क्षेत्रीय संस्था एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को निगरानी सूची में बरकरार रखा है. फाइनेंशियल सिस्टम को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उपयोग करने पर पाकिस्तान को FATF ने जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया था.