इमरान खान ने 'विदेशी साजिश' मामले में बनाया था एक सदस्यीय जांच आयोग, अधिकारी ने हाथ कर दिए खड़े
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इमरान खान ने 'विदेशी साजिश' मामले में बनाया था एक सदस्यीय जांच आयोग, अधिकारी ने हाथ कर दिए खड़े

पीएम इमरान खान (Imran Khan) अपनी विदेशी साजिश वाली थ्योरी से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया. हालांकि इस मुद्दे पर भी उन्हें झटका लगा है. 

इमरान खान ने 'विदेशी साजिश' मामले में बनाया था एक सदस्यीय जांच आयोग, अधिकारी ने हाथ कर दिए खड़े

इस्लामाबाद: नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर पीएम इमरान खान (Imran Khan) को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं. पहले उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से करारा झटका लगा, अब सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल से उन्हें निराशा मिली है.

  1. तारिक खान ने जांच से खड़े किए हाथ
  2. 'विदेशियों के संपर्क में थे 8 असंतुष्ट सांसद'
  3. 9 अप्रैल को होगी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग

दरअसल पीएम इमरान खान ने अपनी सरकार गिराने की कोशिश के मामले में विदेशी साजिश का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को एक आयोग का गठन किया था. इस आयोग की जिम्मेदारी सेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तारिक खान को दी गई थी. लेकिन उन्होंने जांच करने से हाथ खड़े कर दिए हैं.

तारिक खान ने ट्वीट कर कहा, 'पाकिस्तान सरकार ने लेटर गेट मामले में मुझे जांच की जिम्मेदारी थी. मैं इस आयोग की जिम्मेदारी संभालने में अपनी असमर्थता व्यक्त करता हूं.'

तारिक खान को दिया गया था जिम्मा

सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने इस शुक्रवार को इस आयोग के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि पीएम इमरान खान (Imran Khan) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आयोग गठित करने का फैसला लिया गया. फवाद चौधरी ने बताया था कि लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) तारिक खान इस एक सदस्यीय आयोग को लीड करेंगे. यह आयोग इमरान खान सरकार को धमकी भरे पत्र से जुड़े मुद्दे की जांच करेगा. 

'विदेशियों के संपर्क में थे 8 असंतुष्ट सांसद'

मंत्री ने बताया था, ‘आयोग यह जांच करेगा कि साजिश कहां रची गई थी और सरकार गिराने को लेकर किन स्थानीय आकाओं की मिलीभगत थी. ’ उन्होंने बताया, ‘हमारे पास इस बारे में सबूत हैं कि विदेशियों के संपर्क में 8 असंतुष्ट प्रांतीय सांसद थे. आयोग स्थानीय आकाओं और सत्ता परिवर्तन के बीच संबंधों का पता लगाएगा.’ 

9 अप्रैल को होगी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग

बताते चलें कि 3 अप्रैल को पाकिस्तान (Pakistan) की नेशनल असेंबली में इमरान खान (Imran Khan) सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर ने नियमों के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया था. विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल को इस फैसले को असंवैधानिक करार दे दिया और 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का निर्देश दिया.

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अमेरिका पर आरोप लगा रहे हैं इमरान खान

पीएम इमरान खान (Imran Khan) अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से उखड़े हुए हैं और इस मुद्दे को लगातार विदेशी साजिश बता रहे हैं. अपने कई भाषणों में वे इस कथित साजिश के पीछे अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगा चुके हैं. इमरान का कहना है कि रूस के साथ नजदीकी बढ़ाने की सजा के रूप में उनकी सरकार गिरा देने की साजिश रची गई है. उनके इस आरोप को अमेरिका ने गलत करार दिया है.

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