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इस्लामाबाद: नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर पीएम इमरान खान (Imran Khan) को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं. पहले उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से करारा झटका लगा, अब सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल से उन्हें निराशा मिली है.
दरअसल पीएम इमरान खान ने अपनी सरकार गिराने की कोशिश के मामले में विदेशी साजिश का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को एक आयोग का गठन किया था. इस आयोग की जिम्मेदारी सेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तारिक खान को दी गई थी. लेकिन उन्होंने जांच करने से हाथ खड़े कर दिए हैं.
तारिक खान ने ट्वीट कर कहा, 'पाकिस्तान सरकार ने लेटर गेट मामले में मुझे जांच की जिम्मेदारी थी. मैं इस आयोग की जिम्मेदारी संभालने में अपनी असमर्थता व्यक्त करता हूं.'
The government of Pakistan has suggested my name for the investigation of the letter gate.
I apologize to the head of the Lettergate Commission of Inquiry.— Gen R Tariq Khan (@Pakistan_Tariq3) April 8, 2022
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने इस शुक्रवार को इस आयोग के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि पीएम इमरान खान (Imran Khan) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आयोग गठित करने का फैसला लिया गया. फवाद चौधरी ने बताया था कि लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) तारिक खान इस एक सदस्यीय आयोग को लीड करेंगे. यह आयोग इमरान खान सरकार को धमकी भरे पत्र से जुड़े मुद्दे की जांच करेगा.
मंत्री ने बताया था, ‘आयोग यह जांच करेगा कि साजिश कहां रची गई थी और सरकार गिराने को लेकर किन स्थानीय आकाओं की मिलीभगत थी. ’ उन्होंने बताया, ‘हमारे पास इस बारे में सबूत हैं कि विदेशियों के संपर्क में 8 असंतुष्ट प्रांतीय सांसद थे. आयोग स्थानीय आकाओं और सत्ता परिवर्तन के बीच संबंधों का पता लगाएगा.’
बताते चलें कि 3 अप्रैल को पाकिस्तान (Pakistan) की नेशनल असेंबली में इमरान खान (Imran Khan) सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर ने नियमों के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया था. विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल को इस फैसले को असंवैधानिक करार दे दिया और 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का निर्देश दिया.
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पीएम इमरान खान (Imran Khan) अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से उखड़े हुए हैं और इस मुद्दे को लगातार विदेशी साजिश बता रहे हैं. अपने कई भाषणों में वे इस कथित साजिश के पीछे अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगा चुके हैं. इमरान का कहना है कि रूस के साथ नजदीकी बढ़ाने की सजा के रूप में उनकी सरकार गिरा देने की साजिश रची गई है. उनके इस आरोप को अमेरिका ने गलत करार दिया है.
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