हर तरफ से हारा पाक सोशल मी‍ड‍िया पर भारत के खिलाफ फैला रहा झूठ, ISPR खर्च करेगा बड़ी रकम
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हर तरफ से हारा पाक सोशल मी‍ड‍िया पर भारत के खिलाफ फैला रहा झूठ, ISPR खर्च करेगा बड़ी रकम

इस किस्म के प्रोपेगेंडा के लिए पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय का प्रचार विभाग INTER SERVICES PUBLIC RELATION यानि ISPR काफ़ी बड़ी रकम खर्च करता है.

हर तरफ से हारा पाक सोशल मी‍ड‍िया पर भारत के खिलाफ फैला रहा झूठ, ISPR खर्च करेगा बड़ी रकम

नई दिल्‍ली: भारत से हर मोर्चे पर मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान ने अपना नया मोर्चा खोल दिया है. पाकिस्तान ने फैसला किया है कि अब वो भारत से वर्चुअल दुनिया में लड़ेगा, जहां उसके हथियार होंगे, झूठ, फरेब और धोखा. पाकिस्तान सोशल मीडिया के ज़रिए भारतीय सेना, उसके अफसरों और कश्मीरियों पर हो रहे काल्पनिक अत्याचारों की कहानियां फैला रहा है.

शुक्रवार को भारतीय सेना के कर्नल विजय आचार्य के ट्विटर अकाउंट को हैक किया गया और उनके अकाउंट से दो ट्वीट किए गए. इसमें कश्मीर में भारतीय सैनिकों की बड़ी तादाद में मौत और उसके बाद कर्नल विजय आचार्य ने अपने इस्तीफे की बात कही थी. दरअसल कर्नल आचार्य कश्मीर में नहीं राजस्थान में तैनात हैं. घटना की ख़बर मिलने के बाद सेना मुख्यालय ने कर्नल आचार्य का ये फर्जी अकाउंट बंद करवाया.

दूसरी घटना में सेना के एक मेजर जनरल की मौत की ख़बर फैलाई गई. फर्जी ट्विटर अकाउंट्स के ज़रिए दावा किया गया कि बारामूला में तैनात सेना की 19वीं डिवीज़न के कमांडर मेजर जनरल जीएस रावत की पाकिस्तानी हमले में मौत हो गई है, लेकिन सेना इस ख़बर को छिपा रही है. सच्चाई ये है कि जनरल रावत 6 महीने पहले इस पद से जा चुके हैं और इस समय भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में तैनात हैं. जनरल रावत पाकिस्तान की आंखों में काफी दिनों से चुभ रहे हैं. कुछ साल पहले जब वो ब्रिगेडियर के तौर पर पुंछ में तैनात थे तब उन्होंने वहां पाकिस्तान की फ़ायरिंग और घुसपैठ की कोशिशों का बहुत करारा जवाब दिया था. पाकिस्तान ने तब के ब्रिगेडियर रावत को लेकर काफी हायतौबा की थी. मैदान में हारने के बाद अब पाकिस्तान जनरल रावत से वर्चुअल मैदाने जंग में जीतना चाहता है.

इस किस्म के प्रोपेगेंडा के लिए पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय का प्रचार विभाग INTER SERVICES PUBLIC RELATION यानि ISPR काफ़ी बड़ी रकम खर्च करता है. ISPR से एक भारतीय सोशल मीडिया एक्टिविस्ट ने ट्विटर के डायरेक्ट मैसेजिंग यानि DM के ज़रिए संपर्क किया. उसने खुद को कश्मीरी बताया और कहा कि उसके पास कश्मीर में भारतीय सेना की ज्यादतियों की तस्वीरें हैं. ISPR ने फौरन उसे भेजने को कहा और ये भी कहा कि ये बहुत मददगार होंगी. लेकिन जवाब में एक्टिविस्ट ने 1971 में ढाका में भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की तस्वीर भेज दी. तिलमिलाए ISPR ने फौरन उसे ब्लॉक कर दिया, लेकिन इससे ये साफ़ हो जाता है कि ISPR भारत विरोधी किसी भी ख़बर या फोटो के लिए कितना आतुर है.

सेना के अधिकारियों का कहना है कि सोशल मी़डिया पर सैनिकों की गतिविधियों को लेकर इसीलिए कई  बार निर्देश दिए गए हैं और उनसे अपने बारे में कोई जानकारी या फोटो न शेयर करने के लिए कहा गया है. ISPR के निशाने पर सोशल मीडिया पर सक्रिय हर भारतीय सैनिक है और वो किसी न किसी तरह उसका दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहा है.

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